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CII : 10वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में NCEF के तीसरे संस्करण का शुभारंभ

स्वच्छ ऊर्जा और सर्कुलर इकॉनमी की ओर : 10वीं अंतरराष्ट्रीय वेस्ट टू वर्थ टेक्नोलॉजी कॉन्फ्रेंस का आयोजन

नई दिल्ली (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। “भारत का भविष्य कचरे और कृषि अवशेषों को स्वच्छ ऊर्जा में बदलने में है। यह अभियान सिर्फ कचरा प्रबंधन तक सीमित नहीं है, बल्कि हमारे पर्यावरण की रक्षा, जनस्वास्थ्य में सुधार और भारत के विकास दृष्टिकोण को मजबूत करने का भी माध्यम है।” केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सीआईआई की 10वीं अंतरराष्ट्रीय वेस्ट टू वर्थ टेक्नोलॉजी कॉन्फ्रेंस के लिए भेजे अपने वीडियो संदेश में उक्त बातें कही।

श्री गडकरी ने अपने संदेश में कहा कि भारत का भविष्य कचरे और कृषि बायोमास को स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तित करने में है। जो एक आयात-विकल्प, किफायती और प्रदूषण-मुक्त समाधान है, जिससे देश आत्मनिर्भर बन सकेगा। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि फसल अवशेषों को जलाने से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने और सर्कुलर इकॉनमी की ओर बदलाव को तेज़ करने के लिए जैव ऊर्जा में नवाचार बेहद ज़रूरी है।

भारत के संसाधन-कुशल और टिकाऊ सर्कुलर इकॉनमी की ओर बदलाव को तेज़ करने के लिए, वेस्ट टू वर्थ टेक्नोलॉजी पर आयोजित 10वें अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में नेशनल सर्कुलर इकॉनमी फ्रेमवर्क (NCEF–3) के तीसरे संस्करण का भी शुभारंभ किया गया। यह फ्रेमवर्क भारत को संसाधन-कुशल और सतत सर्कुलर इकॉनमी की ओर ले जाने के प्रयासों को तेज़ करेगा। नेशनल सर्कुलर इकॉनमी फ्रेमवर्क–3 में अब 20 प्राथमिक सामग्रियों को शामिल किया गया है। इसका ध्यान ठोस कार्यान्वयन, साफ नजर आने वाले नतीजों और जवाबदेही पर केंद्रित है, ताकि बड़े स्तर पर सर्कुलैरिटी को लागू किया जा सके।

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए वीके चौरसिया (सलाहकार (प्रभारी), सीपीएचईईओ, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय) ने कहा कि कचरा प्रबंधन और सर्कुलैरिटी में वास्तविक प्रगति तभी संभव है जब उद्योग, नवप्रवर्तक और सरकार मिलकर सतत विकास के लिए एक सहयोगी ढांचा तैयार करें।

अपने स्वागत भाषण में सीआईआई नेशनल कमेटी ऑन वेस्ट टू वर्थ टेक्नोलॉजीज़ के चेयरमैन और री-सस्टेनेबिलिटी के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं ग्रुप सीईओ मसूद मलिक ने कहा कि प्रसंस्करण और मूल्य सृजन को बेहतर बनाने की आवश्यकता है। जिससे भारत सतत और निम्न-कार्बन अर्थव्यवस्था की ओर तेज़ी से बढ़ सके। उन्होंने पारदर्शी सर्कुलैरिटी मापन प्रणाली की स्थापना, ग्रीन नौकरियों के सृजन और अंतरराष्ट्रीय मिशनों के माध्यम से वैश्विक सहयोग को मजबूत करने का आह्वान किया।

सम्मेलन के दौरान ‘सीआईआई 4आर अवॉर्ड्स 2025’ के छठे संस्करण में लगभग 50 संगठनों को सम्मानित किया गया। जिन्होंने “रिड्यूस, रीयूज़, रीसायकल और रिपेयर (4R)” के क्षेत्र में उत्कृष्ट नेतृत्व दिखाया। इस अवसर पर नवाचार आधारित सर्कुलर इकॉनमी मॉडल और स्केलेबल वेस्ट टू वर्थ समाधानों पर आधारित श्रेष्ठ प्रथाओं का संकलन (Compendium of Best Practices) भी जारी किया गया।

इस बार सम्मेलन में पहली बार ‘यंग 4आर अवॉर्ड्स’ की शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य 35 वर्ष से कम आयु के युवाओं को सततता और कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में प्रेरित करना है। लगभग 10 संगठनों ने अपने “वेस्ट टू वर्थ” तकनीकी समाधानों का प्रदर्शन भी किया।

सम्मेलन में 300 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, उद्योग जगत के दिग्गज, अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ और अकादमिक चिंतक शामिल थे। दिनभर चली चर्चाओं में शासन ढांचे, सर्कुलर इकॉनमी में बदलाव, तकनीकी नवाचार, सतत विकास के लिए बौद्धिक संपदा साझेदारी और कचरा प्रबंधन में उभरते अवसरों पर विचार-विमर्श हुआ।