- उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 24 शहरों के 1,000 से ज़्यादा स्कूलों के लगभग 3 लाख छात्रों को किया जागरूक
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। टाटा पावर ने भारत में पारंपरिक से नवीकरणीय ऊर्जा की ओर बढ़ने की प्रक्रिया (ऊर्जा संक्रमण) को बढ़ावा देने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ-साथ सौर ऊर्जा को तेज़ी से अपनाने में मदद करने से जुड़ी एक और अग्रणी पहल के रूप में, अपने इकोक्रू कार्यक्रम – भारत के सबसे बड़े ऊर्जा साक्षरता आंदोलन – के ज़रिये नए मानक स्थापित किए।
इस कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 1000 से ज़्यादा स्कूलों के लगभग 3 लाख छात्रों तक पहुंच बना कर, छात्रों को ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति जागरूक बनाया गया। उन्हें अपने घरों के लिए आसान और किफायती वैकल्पिक समाधान के रूप में सौर ऊर्जा को अपनाने के बारे में शिक्षित किया गया।
इस कार्यक्रम के ज़रिये लोगों को न केवल प्रकृति के सबसे अच्छे दोस्त और अपने समुदायों में सही मायने में वहनीयता के दूत बनने में मदद मिली। बल्कि इससे उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को पीएमएसजीवाय के तहत रूफटॉप सोलर अपनाने वाले तीसरे सबसे बड़े राज्य बनने में भी मदद मिली, जहां अब तक 1.1 गीगावाट की क्षमता वाले 3.14 लाख इंस्टॉलेशन हो चुके हैं।
इकोक्रू अभियान पिछले 12 महीनों में 24 शहरों तक पहुंच चुका है, जहां 50,000 मिनट से ज़्यादा का सीखने का संवादपरक अवसर तैयार हुआ और लगभग 1,50,000 मिनट का ऑनलाइन जुड़ाव हुआ। छात्रों ने स्वच्छ ऊर्जा के विकल्पों, सौर ऊर्जा और ऊर्जा संरक्षण के बारे में सीखा। उन्होंने अपने घरों, समुदायों और आस-पड़ोस में बदलाव लाने का संकल्प लिया।
छात्रों ने ऊर्जा ऑडिट, रचनात्मक प्रतियोगिताओं और 21-दिवसीय गेमीफाइड ऑनलाइन वहनीयता (सस्टेनेबिलिटी) चैलेंज में भी भाग लिया। इन सबका उद्देश्य छात्रों को स्कूल और घर दोनों जगह उल्लेखनीय पर्यावरण अनुकूल पहल करने के लिए प्रोत्साहित करना था। टाटा पावर के वहनीयता मित्र (सस्टेनेबिलिटी बडी) ग्लोबी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि पृथ्वी के अनुकूल बड़ा बदलाव लाने के लिए हम सभी को हर दिन छोटे-छोटे कदम उठाने की ज़रूरत होगी।
इस पहल में सक्रिय रूप से योगदान देने वाले और इसमें शामिल होने वाले शीर्ष स्कूलों और छात्रों को अगले 2 सप्ताह के दौरान लखनऊ, वाराणसी, आगरा, गोरखपुर और मेरठ में आयोजित होने वाले 5 मेगा फिनाले कार्यक्रमों में सम्मानित किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश आज, रूफटॉप सोलर अपनाने के लिहाज़ से भारत के शीर्ष 3 राज्यों में शामिल है। यहां 2.6 लाख इंस्टॉलेशन और 901.42 मेगावाट की कुल स्थापित क्षमता है। यह तेज़ प्रगति दोहरी सब्सिडी संरचना के कारण संभव हुई है, जिसमें केंद्र और राज्य के प्रोत्साहन – केंद्र सरकार से ₹78,000 तक और यूपीएनईडीए से ₹30,000 तक – शामिल हैं। इससे लोगों के लिए सोलर अपनाना सुलभ और किफायती हो गया है। टाटा पावर सरकार के स्वच्छ ऊर्जा दृष्टिकोण के अनुरूप और रूफटॉप सोलर अपनाने की प्रक्रिया में और तेज़ी लाने के लिए, अपनी ‘घर-घर सोलर’ पहल को भी बढ़ावा दे रही है ताकि बड़े पैमाने पर जागरूकता फैलाई जा सके और पीएमएसजीवाई के तहत आवासीय रूफटॉप सोलर सिस्टम की स्थापना की जा सके। इस पहल को पिछले साल वाराणसी में लॉन्च किया गया था।
उत्तर प्रदेश में इकोक्रू का सफर बड़े राष्ट्रीय मिशन की शुरुआत का प्रतीक है। टाटा पावर आने वाले दिनों में इस पहल का विस्तार कई राज्यों में करने की योजना बना रही है, ताकि लाखों छात्रों तक पहुंच बनाकर ऊर्जा साक्षरता, जलवायु ज़िम्मेदारी की नींव रखी जा सके और सौर ऊर्जा के लिए तैयारी में बढ़ाई जा सके।
टाटा पावर जागरूक और ज़िम्मेदार युवा नागरिकों की पीढ़ी का निर्माण कर आत्मनिर्भर भारत के राष्ट्रीय दृष्टिकोण और प्रधानमंत्री सूर्य गृह योजना के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों के अनुरूप, भारत के ऊर्जा स्वतंत्रता से जुड़े उद्देश्य को आगे बढ़ा रही है।
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