लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। विश्व डाक संघ (UPU) की स्थापना 9 अक्तूबर 1874 को “एक विश्व, एक डाक प्रणाली” की अवधारणा को साकार करने के उद्देश्य से की गई थी, जिससे विश्वभर में एक समान डाक व्यवस्था लागू हो सके। वर्ष 1969 में इस स्थापना दिवस को विश्व डाक दिवस के रूप में घोषित किया गया। तब से यह दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है, ताकि लोगों और व्यवसायों के दैनिक जीवन के साथ-साथ देशों के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में डाक सेवाओं की भूमिका के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।

पोस्टमास्टर जनरल, लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र सुनील कुमार राय ने बताया कि इस वर्ष विश्व डाक दिवस “Post for People: Local Service, Global Reach” के साथ मनाया जा रहा है। इसी लक्ष्य के साथ भारतीय डाक देश के कोने कोने तथा दूर दराज के इलाकों में सेवाएं उपलब्ध करवा रहा है। देश ही नहीं बल्कि अपनी वैश्विक पहुँच के साथ जनता की सेवा कर रहा हैं।

उन्होंने बताया कि इस वर्ष राष्ट्रीय डाक सप्ताह का आयोजन 6 से 10 अक्तूबर 2025 तक किया गया। जनमानस में डाक सेवाओं के प्रति जागरूकता एवं सहभागिता बढ़ाने के उद्देश्य से कई कार्यक्रम आयोजित किये गए। अंतिम दिन 10 अक्टूबर को ग्राहक दिवस मनाया जाएगा। जिसके तहत ग्राहक सेवा और संवाद पर केन्द्रित नुक्कड़ नाटक का आयोजन होगा। इसके माध्यम से विभागीय सेवाओं और उत्पादों के विषय में जन जागरूकता हेतु प्रयास किया जाएगा।

पोस्टमास्टर जनरल सुनील कुमार राय ने बताया कि हम राष्ट्रीय डाक सप्ताह के दौरान सभी नागरिकों को डाक सेवाओं के विषय में जागरूक करने के लिए अनेक कार्यक्रम आयोजित करते हैं। आज डाक सेवाएं पूरी तरह से डिजिटल प्लेटफार्म पर जनता को उपलब्ध हैं। उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि मुख्यालय परिक्षेत्र के अंतर्गत आने वाले सभी डाक मंडलों – अयोध्या, बाराबंकी, रायबरेली, सीतापुर, लखनऊ और लखनऊ जीपीओ में ग्राहकों की समस्याओं का समाधान करने और सेवाओं को उत्तरोत्तर ग्राहकोन्मुख बनाने के उद्देश्य से 2 मई 2025 से “डाक सेवा समाधान दिवस” की शुरुआत की गयी है। यह “डाक सेवा समाधान दिवस” महीने के पहले और तीसरे शुक्रवार को प्रत्येक जिले के मंडलीय कार्यालय में आयोजित किया जाता है। जिसमें प्रातः 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक डाक अधीक्षक एवं अन्य अधिकारियों के द्वारा जनता की समस्या सुनी जाती है और उनका सम्यक समाधान किया जाता है।