लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। मरीज़ केंद्रित और साक्ष्य आधारित हेल्थकेयर के लिए प्रचलित रीजेंसी हॉस्पिटल ने आज भारत में HIV पीड़ितों के लिए एक्सपर्ट जानकारी साझा की। इस कार्यक्रम में एक्सपर्ट्स ने HIV की जल्दी पहचान, इलाज का पालन और ज़्यादा लोगों में जागरूकता की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।
इंडिया HIV एस्टिमेशन्स 2023 रिपोर्ट के अनुसार भारत में अभी 2.5 मिलियन से ज़्यादा लोग HIV के मरीज़ हैं। इसमें वयस्कों की हिस्सेदारी 0.2% है। हालांकि एंटीरेट्रोवाइरल थेरेपी (ART) ने HIV को ज़िंदगी भर के लिए मैनेज करने लायक बीमारी बना दिया है। देश में हर साल लगभग 66,400 नए HIV संक्रमण के केस सामने आते हैं। ये आंकड़े हमें याद दिलाते हैं कि समय पर टेस्टिंग और लगातार देखभाल बहुत ज़रूरी है। कई लोग डायग्नोसिस में देरी करते रहते हैं क्योंकि शुरुआती लक्षण आम वायरल बीमारियों जैसे लगते हैं या वे बदनामी के डर से भी डायग्नोसिस में देरी कर देते हैं। इस वजह से इलाज शुरू होने में देरी हो जाती है और फिर समस्या बढ़ जाती है।
जल्दी इलाज़ के बारे में राय देते हुए रीजेंसी हॉस्पिटल लखनऊ के इंटरनल मेडिसिन कंसल्टेंट डॉ. डीपी सिंह ने कहा, “आजकल की एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी HIV के इलाज़ में बहुत असरदार हो गई हैं। जब HIV जल्दी पता चल जाए और एंटीरेट्रोवायरल थेरेपी नियमित की जाए, तो इससे लोग स्वस्थ और प्रोडक्टिव ज़िंदगी जी सकते हैं। इस बीमारी में सिर्फ़ दवा ही काफ़ी नहीं होती है बल्कि मरीज़ों को भावनात्मक सहारा (इमोशनल सपोर्ट), नियमित मॉनिटरिंग और ऐसे हेल्थकेयर माहौल की ज़रूरत होती है जहाँ कलंक का कोई डर न हो। जागरूकता बढ़ाना और यह पक्का करना कि लोग मदद लेने में सुरक्षित महसूस करें, जैसी चीजें इस बीमारी के इलाज़ के नतीजों को बेहतर बनाने के लिए बहुत ज़रूरी हैं।”
कई समुदायों में HIV पीड़ितों की ज़िंदगी सिर्फ इलाज़ से ही नहीं बेहतर होती है बल्कि उनके आसपास माहौल कैसा रहता है, यह भी उनकी सेहत पर असर डालता है। जजमेंट का डर, संक्रमण के बारे में गलतफहमियां और मदद लेने में झिझक अक्सर मरीज़ के इलाज़ ढूंढ़ने की इच्छा पर असर डालती है। सुरक्षित जगह बनाना, खुली बातचीत को बढ़ावा देना और परिवारों और आस-पड़ोस में समझ बढ़ाना आदि चीजें लोगों के देखभाल के अनुभव को काफी हद तक बदल सकता है। जब दया और जागरूकता साथ-साथ अमल में लाई जाती हैं, तो मरीजों के जल्दी मदद लेने और आत्मविश्वास के साथ अपना इलाज करवाने की संभावना बढ़ जाती है।
रीजेंसी हॉस्पिटल लखनऊ HIV केयर प्रोग्राम के तहत रुटीन स्क्रीनिंग, गोपनीय काउंसलिंग और लाइफ़स्टाइल गाइडेंस को बढ़ावा देता रहा है। हॉस्पिटल लोगों को HIV की रोकथाम, जल्दी पता लगाने और इलाज़ के पालन के बारे में शिक्षित करने के लिए लगातार सामुदायिक सहभागिता पहल भी आयोजित करता रहता है। इन उपायों से संक्रमण को कम किया जा सकता है और लंबे समय तक स्वास्थ्य में सुधार किया जा सकता हैं।
एडवांस्ड मेडिकल इलाज़ के साथ दयाभाव वाले सपोर्ट सिस्टम से रीजेंसी हॉस्पिटल HIV पीड़ितों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित रहा है। हॉस्पिटल का दृष्टिकोण है कि मरीजों को न सिर्फ इलाज़ की सुविधा मिले बल्कि उन्हें आत्मविश्वास, सम्मान और उम्मीद भी दी जाए जिससे कि उनकी जिंदगी ख़ुशहाल और स्वस्थ हो सके।
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