- छात्रों को दिया गया AI जागरूकता और डिजिटल सुरक्षा का ज्ञान
मिर्जापुर (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। शिक्षा में टेक्नोलॉजी के समावेश को मज़बूत बनाने के अपने सतत प्रयासों के तहत राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने अपने फ्लैगशिप प्रोग्राम यशोदा AI के तहत फ्यूचर शिफ्ट लैब्स (FSL) के सहयोग से जी.डी. बिनानी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में एक विशेष वर्कशॉप का आयोजन किया। इस पहल का उद्देश्य विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की बदलती भूमिका और उसके सकारात्मक प्रभावों के साथ-साथ संभावित दुरुपयोग के खतरों से अवगत कराना था।
वर्कशॉप में कॉलेज के सैंकड़ों छात्र-छात्राओं को विशेष रूप से AI किस तरह शिक्षा, रोजगार और समाज को बदल रहा है, AI के दुरूपयोगों से बचने जैसे – ऑनलाइन उत्पीड़न, साइबर धोखाधड़ी, फेक न्यूज और डिजिटल अधिकारों की सुरक्षा और टेक्नोलॉजी का जिम्मेदारी से उपयोग जैसे विषयों पर विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई।
वर्कशॉप के मुख्य विषय
- शिक्षा और करियर में AI की बढ़ती भूमिका
- डिजिटल अधिकारों की रक्षा के साथ-साथ महिलाओं की ऑनलाइन सुरक्षा
- AI के प्रयोग में नैतिक चिंताएँ: गोपनीयता, निष्पक्षता और पक्षपात
- चैटजीपीटी और एनसीडब्ल्यू वूमन सेफ्टी ऐप जैसे टूल्स का व्यावहारिक प्रयोग
वर्कशॉप केवल लेक्चर तक सीमित न रहकर इंटरएक्टिव रूप में आयोजित की गई, जिसमें विद्यार्थियों को केस डिस्कशन,डिजिटल एक्सरसाइज़ और लाइव डेमो में खुद हिस्सा लेने का मौका मिला। वर्कशॉप का उद्देश्य विद्यार्थियों में आलोचनात्मक सोच विकसित करना था, जिससे वह सही सवाल पूछें, सोचने का नजरिया विकसित करें और डिजिटल दुनिया में आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकें।
इस अवसर पर राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्षा विजया राहटकर ने कहा कि “वास्तविक प्रगति केवल तकनीक की उन्नति नहीं, बल्कि उसे जिम्मेदारी और उद्देश्यपूर्ण ढंग से उपयोग करने की क्षमता है। जब हम छात्रों को सोच-समझकर AI का उपयोग करना सिखाते हैं, तो हम एक ऐसी पीढ़ी तैयार कर रहे हैं, जो अधिकारों की रक्षा करेगी, न्याय को मज़बूत बनाएगी और जागरूक व समान समाज की नींव रखेगी।”
फ्यूचर शिफ्ट लैब्स के निदेशक नितिन नारंग ने कहा कि “यशोदा AI केवल एक कार्यक्रम मात्र नहीं बल्कि यह भारत के युवाओं में डिजिटल क्षमता और नैतिक जागरूकता विकसित करने का राष्ट्रीय मिशन है। हमारा उद्देश्य है कि विद्यार्थी AI ज्ञान को जिम्मेदारी और सुरक्षित दृष्टिकोण के साथ अपनाएं ताकि वे भविष्य में ऐसे नेतृत्वकर्ता बन सकें जो एक जागरूक, समावेशी और सुरक्षित डिजिटल भविष्य का निर्माण करें।”