लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘स्वदेशी अभियान’, ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के संकल्प को जन-जन तक पहुंचाने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी), सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम मंत्रालय, भारत सरकार के अध्यक्ष मनोज कुमार ने बुधवार को सहारनपुर का दौरा किया। उन्होंने अपने एक दिवसीय कार्यक्रम के दौरान किसानों, मधुमक्खी पालकों, व्यापारियों, कारीगरों और खादी संस्थाओं के पदाधिकारियों से संवाद किया। इस अवसर पर वे गंगोह, नकुड़ और बीराखेड़ी में आयोजित कार्यक्रमों में शामिल हुए और लोगों से स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया।

दौरे की शुरुआत गंगोह स्थित बी-कीपिंग क्लस्टर से हुई। यह एक स्फूर्ति (SFURTI) यूनिट है, जहां आधुनिक तकनीक से मधुमक्खी पालन और शहद उत्पादन किया जाता है। मधुमक्खी पालकों को संबोधित करते हुए मनोज कुमार ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2016 में गुजरात के बनासकांठा के डीसा से ‘श्वेत क्रांति’ के साथ-साथ ‘स्वीट क्रांति’ का आह्वान किया था। उनकी प्रेरणा से ही खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने 2017 में ‘हनी मिशन’ शुरू किया। जिसके अंतर्गत अब तक 20 हजार से अधिक लाभार्थियों को 2 लाख मधुमक्खी-बॉक्स और मधुमक्खी कॉलोनियों का वितरण किया जा चुका है।”

उन्होंने कहा कि शहद केवल एक उत्पाद नहीं, बल्कि ‘मेड इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड’ का प्रतीक है। बी-कीपिंग से न सिर्फ किसानों की आमदनी बढ़ेगी बल्कि विकसित भारत के निर्माण में भी योगदान मिलेगा। उन्होंने बताया कि भारत के शुद्ध शहद की पूरी दुनिया में बहुत मांग है। केवीआईसी के प्रयासों से पिछले दिनों विदेशों में शहद का निर्यात तेजी से बढ़ा है।
इसके बाद अध्यक्ष केवीआईसी ने नया गांव, नकुड़ स्थित गोकुलग्राम में किसान उत्पादक संगठन (Farmer Producer Organization) का दौरा किया और किसानों से संवाद किया। किसानों ने अपनी समस्याएं रखीं, जिस पर उन्होंने आश्वासन दिया कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग उनकी हर संभव सहायता करेगा। किसानों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हमेशा कहा है कि किसानों और पशुपालकों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। खेती के साथ-साथ अगर किसान खादी और ग्रामोद्योग की योजनाओं जैसे- मधुमक्खी पालन, अगरबत्ती, शहद उत्पादन और छोटे-छोटे उद्योग अपनाएं, तो उनकी आमदनी दोगुनी-तिगुनी हो सकती है और गांवों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।

दौरे का मुख्य आकर्षण बीराखेड़ी स्थित शिवग्राम उद्योग संस्थान में आयोजित संवाद कार्यक्रम रहा। यहां पर मनोज कुमार ने मधुमक्खी पालकों, किसानों, व्यापारियों, खादी संस्थाओं के पदाधिकारियों और कारीगरों से सीधा संवाद किया। संबोधन में उन्होंने जोर देकर कहा कि पूरी दुनिया आज टैरिफ वॉर जैसी चुनौतियों से जूझ रही है, लेकिन प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारा मंत्र है- ‘वोकल फॉर लोकल’। यही स्वदेशी क्रांति का रास्ता है। हमें ‘मेड इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड’ को अपनाकर वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनानी है।”
उन्होंने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग सिर्फ एक उद्योग नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की चाबी है। प्रधानमंत्री ने जिस ‘स्वदेशी क्रांति’ का सपना दिखाया है, हमें मिलकर उसे साकार करना है। जब हम स्वदेशी अपनाएंगे, तभी विकसित भारत का निर्माण होगा। अध्यक्ष केवीआईसी ने लोगों से अपील की कि तीज-त्यौहारों के अवसर प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप स्वदेशी उत्पाद ही खरीदें।

अपने पूरे दौरे के दौरान मनोज कुमार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘संकल्प से सिद्धि’ के मंत्र को दोहराया और किसानों व कारीगरों से स्वदेशी अपनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग का हर प्रयास इस दिशा में है कि देश के छोटे-छोटे गांवों से तैयार होने वाले उत्पाद वैश्विक मंच पर अपनी पहचान बना सकें।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में किसान, मधुमक्खी पालक, खादी संस्थाओं के पदाधिकारी और कारीगर तथा स्थानीय लोग के साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार और केवीआईसी के कर्मचारी और अधिकारी उपस्थित रहे।