लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास को गति देने और निवेशकों को जमीनी स्तर पर सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से, राज्य की निवेश संवर्धन एजेंसी इन्वेस्ट यूपी ने उद्यमी मित्रों (UMs) और जिला उद्योग केंद्रों के महाप्रबंधकों (GM-DICs) की 46-दिवसीय राज्यव्यापी समीक्षा सफलता पूर्ण समापन किया।
यह व्यापक समीक्षा अभियान 2 जून को मुख्य सचिव एवं अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त मनोज कुमार सिंह और प्रमुख सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार के नेतृत्व में प्रारंभ हुआ था और 18 जुलाई को संपन्न हुआ। इसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर निवेश संवर्धन को मजबूत करना, परियोजनाओं के क्रियान्वयन को तेज़ करना तथा क्षेत्रीय चुनौतियों एवं अवसरों की पहचान करना था।

पिछले 46 दिनों में, इन्वेस्ट यूपी ने प्रदेश के सभी 75 जनपदों में गहन समीक्षा की। लखनऊ स्थित मुख्यालय में आयोजित सत्रों में जिला उद्योग महाप्रबंधक एवं उद्यमी मित्रों सहित 155 अधिकारी सक्रिय रूप से शामिल हुए। प्रत्येक जनपद टीम ने भूमि की उपलब्धता, परियोजना स्थिति, निवेशक संवाद, और भविष्य की कार्ययोजना से संबंधित तथ्यपरक, एकरूप रिपोर्ट प्रस्तुत की। समीक्षा का मुख्य फोकस FY 2025–26 हेतु MoU निष्पादन, परियोजनाओं का व्यावसायीकरण, लैंड बैंक विवरण, निवेशकों की समस्याओं का समाधान, और आउटरीच पहलों पर केंद्रित रहा।

निवेश मित्र पोर्टल पर प्राप्त प्रश्नों का समाधान, विभागीय समन्वय तथा ₹100 करोड़ से कम निवेश वाले 200 से अधिक लीड्स की प्रगति की भी निगरानी की गई। ODOP (एक जनपद एक उत्पाद) को सुदृढ़ करने और निर्यात संभावनाओं को बढ़ावा देने पर विशेष बल दिया गया।
समीक्षा सत्रों में जनपदवार औद्योगिक प्रोफाइल पर चर्चा, खाद्य प्रसंस्करण एवं निर्माण इकाइयों के विस्तार, नीतिगत जागरूकता, और श्रेष्ठ प्रथाओं के माध्यम से क्षमता निर्माण के महत्व को भी रेखांकित किया गया।
इससे पहले, 26 से 30 मई के बीच इन्वेस्ट यूपी की टीमों ने 14 जनपदों का स्थलीय भ्रमण कर औद्योगिक क्षमताओं का मूल्यांकन किया और हस्तक्षेप योग्य क्षेत्रों की पहचान की थी। अब प्रत्येक UM और DIC को 180 औद्योगिक इकाइयों को भूमि व स्वीकृत्यों (NOC) संबंधित समस्याओं के समाधान, बीमार इकाइयों के पुनरुद्धार और त्रैमासिक प्रदर्शन मूल्यांकन में सहयोग का दायित्व सौंपा गया है।

यह पूरी पहल 28 अप्रैल को आयोजित उस कार्यशाला का विस्तार है, जिसमें सभी जिलों के अधिकारियों को उत्तर प्रदेश की औद्योगिक रणनीति के साथ समन्वय में लाया गया था। FY 2025–26 के लिए स्पष्ट लक्ष्यों के साथ यह प्रयास मुख्यमंत्री के उत्तर प्रदेश को $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था और वैश्विक निवेश गंतव्य बनाने के विज़न को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा, “यह रणनीतिक समीक्षा और DIC अधिकारियों के लिए केंद्रित प्रशिक्षण, क्रियान्वयन को सुदृढ़ करेगा, अवरोधों को दूर करेगा और जिला स्तर पर औद्योगिक रणनीति को सशक्त बनाएगा। यह प्रयास आगामी ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी (GBC) और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) के लिए निवेश परियोजनाओं की समयबद्ध प्रगति सुनिश्चित करेंगे।”