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आबकारी विभाग : निवेशक सम्मेलन में आए लगभग 3600 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश आबकारी विभाग और इन्वेस्ट यूपी के सहयोग से इंदिरा गाँधी प्रतिष्ठान में एक दिवसीय आबकारी निवेशक सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन का उद्देश्य प्रदेश में अल्कोहल निर्माण, वितरण, विपणन आधारित उद्योगों एवं इससे सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करना, सम्बन्धित उद्योगों को सुगम नीति वातावरण उपलब्ध कराना तथा निवेशकों को नीति-सम्बन्धी जानकारी प्रदान करना था।

कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि नितिन अग्रवाल (आबकारी मंत्री, स्वतन्त्र प्रभार) ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर डॉ. आदर्श सिंह (आबकारी आयुक्त) उत्तर प्रदेश तथा वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे। सम्मेलन में देश-विदेश से आए निवेशक, औद्योगिक समूह एवं स्टार्टअप प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।

निवेशक सम्मेलन में नई आबकारी नीति में निवेश के अवसर, उद्योग के लिए अनुकूल नियम एवं प्रोत्साहन योजनाएं, ई-गवर्नेंस और पारदर्शिता के लिए तकनीकी पहल पर चर्चा हुई। इसके अलावा निवेशकों के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस प्रणाली एवं ऑनलाइन लाइसेंसिंग प्रणाली, विभिन्न निवेश प्रस्तावों, एल्कोहल निर्माण, ब्रिवरी, वाइनरी व अन्य सम्बद्ध क्षेत्रों में निवेश पर भी चर्चा की गई।

आबकारी मंत्री ने आबकारी के क्षेत्र में पूर्व के इन्वेस्ट यूपी कार्यक्रमों के माध्यम से हुये निवेश का ब्यौरा देते हुये अवगत कराया कि विगत वर्षों में इन्वेस्ट यू.पी. के माध्यम से प्रदेश में अल्कोहल आधारित उद्योगों की स्थापना के संबंध में कुल 142 प्रस्ताव प्राप्त हुये थे। जिनके सापेक्ष 135 एम.ओ.यू. हस्ताक्षरित हुये। उक्त 135 एम.ओ.यू. में रु. 39479.39 करोड़ का निवेश एवं 73524 रोजगार के अवसरों का सृजन सन्निहित था। उक्त 135 प्रकरणों में से 46 निवेशकों द्वारा भूमि क्रय के उपरांत संबंधित अभिलेख इन्वेस्ट यू.पी. पोर्टल पर उपलब्ध करा दिये गये। 

46 जीबीसी तैयार परियोजनाओं में 7888.73 करोड़ का निवेश किया जा रहा है। उक्त 46 प्रकरणों में से 19 इकाइयॉ स्थापित होकर संचालित हो रही हैं। इन 19 इकाइयों द्वारा रु. 2339.6 करोड़ का महत्वपूर्ण निवेश किया जा चुका है और इनके द्वारा 2316 व्यक्तियों को रोजगार दिया जा चुका है तथा 27 इकाइयॉ स्थापनाधीन हैं। 

आबकारी मंत्री ने बताया कि 2016-17 में प्राप्त लगभग सत्रह हजार करोड़ आबकारी राजस्व की तुलना में वर्ष 2024-25 में लगभग तिरपन हजार करोड़ की उल्लेखनीय वृद्धि के साथ राजस्व की प्राप्ति हुई। साथ ही यह भी कि उत्तर प्रदेश अब निर्यात Oriented नीतियों को प्रोत्साहित कर रहा है तथा निर्यात प्रधान प्रदेश बनने को अग्रसर है।

इसके साथ ही आबकारी मंत्री ने भारत के विकास के लिए अनूठी दृष्टि और इसे प्राप्त करने के जुनून, ईमानदारी और प्रेरणा के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रशंसा की। भारत के सबसे तेजी से आगे बढ़ने वाली अर्थव्यवस्थाओं में स्थान बनाने का श्रेय उन्हें दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को नई ऊंचाइयों पर ले जा रहे हैं तथा यू.पी. में एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था आकार ले रही है, जिसके परिणामस्वरूप जमीन पर स्पष्ट रूप से परिवर्तन दिखाई दे रहे हैं।

ईज ऑफ डूइिंग बिजनेस के आलोक में आबकारी मंत्री ने सम्भावित निवेशकों को यह आश्वासन दिया कि राज्य सरकार एवं आबकारी विभाग निवेशकों को सुरक्षित, पारदर्शी और लाभकारी वातावरण उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। विभाग की कार्यप्रणाली में सुचिता एवं पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से डिजिटलाइजेशन के माध्यम से विभिन्न प्रक्रियाओं का सरलीकरण किया गया एवं नीति में स्थायित्व लाने का प्रयास निरन्तर जारी है।

इस निवेशक सम्मेलन में लगभग 3600 करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। अन्य बहुत से निवेशकों ने भी इसमें रूचि दिखायी है।

कार्यक्रम में विभिन्न विषयों पर पैनल चर्चा आयोजित की गई। जिसमें इन्वेस्ट यूपी के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी शशांक चौधरी ने सहभागिता की। उन्होंने बताया कि प्रदेश में निवेश-अनुकूल वातावरण को बढ़ावा देने हेतु ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ के अंतर्गत ‘निवेश मित्र’ एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से निवेशकों को त्वरित स्वीकृतियाँ प्रदान की जाती है। साथ ही इंटेंट से लेकर वाणिज्यिक उत्पादन होने तक निवेशकों को उद्यमी मित्रो द्वारा (हैंड होल्डिंग) सहयोग दिया जाता है। इन्वेस्ट यूपी, अपनी 33 से अधिक क्षेत्र-विशिष्ट नीतियों के माध्यम से निवेशकों को सब्सिडी एवं प्रोत्साहन उपलब्ध कराता है।

आबकारी विभाग द्वारा इस आयोजन के सफल संचालन में योगदान देने वाले सभी निवेशकों, प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया गया। इस प्रकार उक्त कार्यक्रम के सफल आयोजन से राज्य में निवेश का नया द्वार खुला है, जो राज्य की आर्थिक प्रगति एवं रोजगार सृजन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।