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एलपीयू : 22 लाख आर्म्ड फोर्सज के लिए ‘जय जवान स्कॉलरशिप’ शुरू

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर, राष्ट्र के प्रति आभार दर्शाते हुए और एजुकेशन के क्षेत्र में कार्य करने के अपने वचन को पूरा करते हुए लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) ने ‘जय जवान स्कॉलरशिप’ शुरू करने की घोषणा की है। एलपीयू के ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रैजुएट प्रोग्राम्स में ऑनलाइन मोड में दाखिला लेने वाले सभी सक्रिय रक्षा और अर्धसैनिक कर्मियों के लिए 100 प्रतिशत ट्यूशन फीस माफ की जाएगी। 

यह पहल विशेष रूप से भारत के 22 लाख सक्रिय रक्षा (सेना, नौसेना और वायु सेना) और अर्धसैनिक बलों के जवानों के लिए बनाई गई है, जिसमें सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ और एसएसबी शामिल हैं। इस कदम ने इस स्कॉलरशिप को शिक्षा के क्षेत्र में दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट स्कॉलरशिप योजना बना दी है। नई दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक कार्यक्रम में इसकी जानकारी दी गई। जिसकी अध्यक्षता एलपीयू के फाउंडर चांसलर और राज्यसभा सदस्य डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने की। 

इस पहल की घोषणा करते हुए, डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने कहा, “हमारे सशस्त्र बलों की बहादुरी और बलिदान को सम्मानित करने के लिए जितने सेल्यूट दिए जाए कम हैं। यह स्कॉलरशिप सफल ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनजर राष्ट्रीय स्तर पर महत्व रखती है। जहां हमारे बहादुर कर्मियों ने पहलगाम में नागरिकों के भयानक नरसंहार के जवाब में असाधारण साहस दिखाया था। उनकी शानदार और दृढ़ कार्रवाई ने राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित की और एक मजबूत और लचीली ग्लोबल शक्ति के रूप में भारत की स्थिति की पुष्टि की। ये पूरी स्कॉलरशिप एकजुटता की एक ठोस उदाहरण हैं – क्योंकि सच्चा सम्मान शब्दों से आगे बढ़कर कार्रवाई में तब्दील होना चाहिए।” 

लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. अशोक कुमार मित्तल ने एक ऐतिहासिक घोषणा की – रक्षा और अर्धसैनिक कर्मियों के लिए दुनिया की सबसे बड़ी एजुकेशनल स्कॉलरशिप पहल की शुरुआत। इस शानदार जय जवान छात्रवृत्ति से 22 लाख से अधिक सक्रिय सेवा सदस्यों को लाभ मिलेगा, जो एजुकेशन रेवलूशन का नेतृत्व करने और उच्च शिक्षा को आसान, सब तक पहुंचाने और मजबूत बनाने के एलपीयू के मिशन के साथ पूरी तरह से जुड़ा हुआ है। डॉ. मित्तल ने घोषणा कि, 2025-2026 और 2026-2027 एजुकेशन सेशन (जुलाई और जनवरी दोनों प्रवेश सहित) में प्रवेश लेने वाले प्रत्येक सक्रिय रक्षा और अर्धसैनिक कर्मी इस छात्रवृत्ति के लिए योग्य होंगे। 

उन्होंने कहा, “यह हमारे बहादुर जवानों के निस्वार्थ समर्पण के लिए हमारा सम्मान है। वे देश की रक्षा करते हैं; उन्हें ज्ञान के साथ सशक्त बनाना हमारा कर्तव्य है।” एलपीयू के लचीले यूजीसी- मान्यता प्राप्त ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम सशस्त्र बलों के कर्मियों की जरूरी जरूरतों को पूरा करने के लिए तैयार किए गए हैं, जिन्हें अक्सर बार-बार स्थान बदलने और ऑपरेशनल डिमांड का सामना करना पड़ता है। ये कार्यक्रम पूरी सुविधा और अनुकूलनशीलता प्रदान करते हैं, चाहे विद्यार्थी सियाचिन की बर्फीली ऊंचाइयों पर तैनात हो या समुद्र की गहराई में पनडुब्बी पर सवार हो वह किसी भी समय-कहीं भी पहुंच कर, ऑनलाइन कक्षाओं और परीक्षाओं के साथ अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते है। 

एलपीयू और भारतीय सशस्त्र बलों के बीच गहरे संबंधों के बारे में जानकारी देते हुए, डॉ. मित्तल ने कहा, “रक्षा समुदाय के साथ हमारा संबंध नया नहीं है। लवली ग्रुप के संस्थापक ने एक बार सैन्य ठेकेदार के रूप में काम किया था, और हमने सात दशकों से अधिक समय तक रक्षा कर्मियों का गर्व से समर्थन किया है। यह विरासत हमारे दृष्टिकोण को आकार देती है – शिक्षा की परिवर्तनकारी शक्ति के माध्यम से राष्ट्र की सेवा करने में मदद करती है।”