- औद्योगिक अवस्थापना और लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी को सुदृढ़ करने की दिशा में ऐतिहासिक पहल
- उत्तर प्रदेश में औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स ढांचे को मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने और लॉजिस्टिक्स कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, इन्वेस्ट यूपी और भारतीय रेल के उत्तर रेलवे, लखनऊ मंडल के बीच आज लोक भवन में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) हस्ताक्षरित हुआ। यह एमओयू उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की उपस्थिति में संपन्न हुआ।
इस महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विजय किरण आनंद और भारतीय रेल के लखनऊ मंडल के वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक रजनीश कुमार श्रीवास्तव ने हस्ताक्षर किए और दस्तावेजों का आदान-प्रदान किया। इस एमओयू के तहत भारतीय रेल की भूमि, लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग क्षेत्र के निवेशकों को मात्र 1.5% की रियायती दर पर 35 वर्षों के लिए लीज पर उपलब्ध कराई जाएगी। इस पहल का मुख्य उद्देश्य राज्य में वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स ढांचे को विकसित करना और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को सुदृढ़ बनाना है।
मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा, “उत्तर प्रदेश को देश का अग्रणी औद्योगिक राज्य बनाने के लिए सरकार और रेलवे के बीच समन्वित प्रयास आवश्यक हैं। लॉजिस्टिक्स हब, ड्राई पोर्ट्स और मल्टीमॉडल पार्क के माध्यम से यह लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। यूपी में पहले से ही 7 एक्सप्रेसवे चालू हैं और कई अन्य निर्माणाधीन हैं। बेहतर लॉजिस्टिक्स व्यवस्था औद्योगिक विकास को नई गति देगी तथा माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन अनुरूप प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी’ बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
समझौते पर हस्ताक्षर के बाद, अधिकारियों के बीच एमओयू के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा हुई। इसमें सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP मॉडल) को बढ़ावा देने और रेलवे भूमि की जानकारी को पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान पोर्टल पर जोड़ने जैसे कदम शामिल हैं, ताकि निवेशकों को पारदर्शिता और सुविधा मिल सके। समझौते के तहत एक महत्वपूर्ण प्रावधान यह भी है कि कच्चे माल या तैयार माल की ढुलाई का कम से कम एक हिस्सा रेलवे के माध्यम से किया जाना अनिवार्य होगा, जिससे लॉजिस्टिक्स लागत में कमी आएगी और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा।
यह साझेदारी उत्तर प्रदेश की वेयरहाउसिंग और लॉजिस्टिक्स नीति 2022 के अनुरूप है, जो न्यूनतम ₹20 करोड़ के निवेश वाली परियोजनाओं के लिए स्टांप ड्यूटी में छूट, लैंड यूज़ कन्वर्जन में रियायत, पूंजी सब्सिडी और बिजली शुल्क में छूट जैसे आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान करती है।
उत्तर प्रदेश 16,000 किलोमीटर से अधिक लंबे रेलवे नेटवर्क के साथ लॉजिस्टिक्स हब, ड्राई पोर्ट और औद्योगिक पार्क का विकास कर रहा है। प्रमुख परियोजनाओं में दादरी में मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स हब और वाराणसी में देश का पहला फ्रेट विलेज शामिल हैं। राज्य कोल्ड स्टोरेज क्षमता में देश में पहले स्थान पर है और भारत की कुल क्षमता का लगभग 40% हिस्सा यूपी में है।
भविष्य की लॉजिस्टिक्स योजनाओं में यीडा क्षेत्र में लॉजिस्टिक्स हब, जेवर एयरपोर्ट के पास कार्गो कॉम्प्लेक्स, और फिल्म सिटी, टॉय पार्क, अपैरल पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क जैसे सेक्टर-विशिष्ट क्लस्टर शामिल हैं। डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के छह नोड और झांसी व औरैया में विकसित हो रहे नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग ज़ोन (NIMZ) भी राज्य के औद्योगिक विकास को गति देंगे।
कार्यक्रम में इन्वेस्ट यूपी के वरिष्ठ अधिकारी सहित भारतीय रेलवे के अशोक कुमार वर्मा (महाप्रबंधक, उत्तर रेलवे), सचिंदर मोहन शर्मा (मंडल रेल प्रबंधक, लखनऊ मंडल) सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
यह एमओयू उत्तर प्रदेश को उद्योग और लॉजिस्टिक्स के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रणी बनाने की दिशा में एक रणनीतिक कदम है, जो निवेशकों के अनुकूल बुनियादी ढांचे और निर्बाध संपर्क व्यवस्था को बढ़ावा देगा।