Saturday , May 3 2025

महाराष्‍ट्र दिवस पर सांस्‍कृतिक संध्‍या में हुई गौरवशाली परंपरा की प्रस्तुति


महाराष्‍ट्र एक महान राज्य : प्रो. कुमुद शर्मा


वर्धा (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय में महाराष्‍ट्र दिवस के अवसर पर आयोजित सांस्‍कृतिक संध्‍या कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा ने कहा कि महाराष्‍ट्र एक महान राज्य है। यह दिन महाराष्‍ट्र के लिए ही नहीं अपितु भारत के लिए भी गौरव का दिन है। महाराष्‍ट्र राज्‍य के 66वें स्‍थापना दिवस के अवसर पर गुरुवार को ग़ालिब सभागार में ‘महाराष्‍ट्र दिवस सांस्‍कृतिक संध्‍या’ का आयोजन किया गया।

कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा ने कहा कि विश्‍व में भारत की एक विशिष्‍ट पहचान है। विविधता के बावजूद समन्‍वय का एक धागा हमें जोड़कर रखता है। इस धागे को हर प्रदेश के संत, ज्ञानी, मनिषी, चितंक और साहित्‍यकारों ने साहित्‍य के माध्‍यम से पीरोया है। अनेकता में एकता या एकता में अनेकता भारत का खबसुरत परिदृश्‍य है। उन्‍होंने कहा कि हमें भारत के हर प्रांत से जुड़कर समन्‍वय स्‍थापित करना चाहिए। महाराष्‍ट्र दिवस का यह आयोजन अपने अतीत और इतिहास को देखने का अवसर है। इसे खुशी और उल्‍लास के साथ हर वर्ष मनाया जाना चाहिए। इस आयोजन को उन्‍होंने सुखद और आध्यात्मिक अनुभूति का अनुभव कहा।

उन्‍होंने साहित्‍य अकादमिक की उपाध्‍यक्ष के नाते कहा कि साहित्‍य अकादमी 24 भाषाओं पर काम करती है, उन भाषाओं का नमस्‍कार और धन्‍यवाद शब्‍द बोलने का प्रयास कर रही हूँ। उन्‍होंने अपना भाषण ‘सर्वांना माझा नमस्‍कार’ व ‘महाराष्‍ट्र दिनाच्‍या खुप-खुप शुभेच्‍छा’ इस मराठी वाक्‍य के साथ किया, जिससे पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट के साथ गुंज उठा। इस अवसर पर कुलपति का स्‍वागत पुष्‍पगुच्‍छ एवं ‘तुकाराम महाराजांची गाथा’ पुस्‍तक भेंट देकर किया गया।
साहित्‍य विद्यापीठ के अधिष्‍ठाता प्रो. अवधेश कुमार ने महाराष्‍ट्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि भाषाओं की दृष्टि से हमारी महान संस्‍कृतिक परंपरा है। हमें सभी भारतीय भाषाओं को लेकर बड़े दिल से सोचने की आवश्‍यकता है। प्रस्‍ताविकी में कुलसचिव प्रो. आनन्‍द पाटील ने कहा कि हम पृथक-पृथक नहीं हैं बल्कि हमारी भौगोलिक परिस्थितियां जैसे पर्बत और नदियां हमें जोडती हैं। हिंदी के साथ-साथ अन्‍य भारतीय भाषाओं को आत्‍मसात करना चाहिए इसपर उन्‍होंने बल दिया।


कार्यक्रम का प्रारंभ छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्‍यार्पण, दीप दीपन, कुलगीत तथा महाराष्‍ट्र राज्‍य गीत ‘जय जय महाराष्‍ट्र माझा’ के साथ किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी को महाराष्‍ट्र का पारंपरिक फेटा बांधा गया। इस अवसर पर अतिथियों का स्‍वागत नन्‍हे बच्‍चों ने कुमकुम तिलक से किया। महाराष्‍ट्र की सांस्‍कृतिक विरासत की झलक दिखाने वाली रंगोली ने सबका ध्‍यान आकर्षित किया। यह आयोजन विश्‍वविद्यालय के शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मचारी एवं उनके परिवार के सदस्‍यों के योगदान से किया गया। कार्यक्रम का संचालन शिक्षा विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. सीमा बर्गट एवं सहायक प्रोफेसर डॉ. संदीप सपकाळे ने किया। शिक्षा विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. संदीप पाटील ने स्‍वागत एवं संस्‍कृति विद्यापीठ के अधिष्‍ठाता प्रो. दिगंबर तंगलवाड ने आभार माना।


कार्यक्रम में गायिका खुशबू कठाणे एवं नितीन वाघ ने महाराष्‍ट्र गीत जय जय महाराष्ट्र माझा, कानडा राजा पंढरीचा, खेळ मांडियेला वाळवंटी बाई, ध्‍यान लागले रामाचे, कामगार गीत, नदीच्‍या पल्‍ल्‍याड (गोंधळ), दिलदार मैफिलीला, केव्‍हातरी पहाटे, हे सुरानों चंद्र व्‍हा, काटा रूते कुणाला, शुक्रतारा, चंद्र आहे साक्षीला, किती सांगू मी सांगू कुणाला, जयोस्‍तुते, पसायदान गीत प्रस्‍तुत किए। तबला पर जीवन बांगडे, हार्मोनियम पर नितीन वाघ व ऑक्‍टोपैड पर छोटू वाटकर ने संगत की। कोरस में शुभम व अन्‍य विद्यार्थियों ने सहयोग किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए डॉ. बालाजी चिरडे, डॉ. संदीप पाटील, डॉ. हेमचंद्र ससाने, डॉ. धीरज मसराम, डॉ. मीरा निचळे, डॉ. प्रमोद जोशी तथा अन्‍य शिक्षक व कर्मचारियों ने सहयोग किया।
का सहयोग रहा। कार्यक्रम में अध्‍यापक, अधिकारी, कर्मचारी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्‍या में उपस्थित थे।