लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। सुन्दर नृत्य एवं भाव भंगिमाओं से सूर्पनखा श्रीराम को आकर्षित करने का प्रयत्न करती है लेकिन प्रभु राम उससे लक्ष्मण के पास जाने हेतु विनय करते हैं तो सूर्पनखा लक्ष्मण के पास जाती है। किन्तु लक्ष्मण सूर्पनखा से कहते हैं कि वह उसके जाल में फँसने वाले नहीं हैं। बार-बार इधर-उधर भेजने पर सूर्पनखा क्रोधित हो जाती है और अपना असली रुप धारण कर माता सीता की ओर झपटती हैं तो लक्ष्मण उसके नाक-कान काट लेते हैं।
सेक्टर “ए” सीतापुर रोड योजना कालोनी में चल रहे 32वें रामलीला के तीसरे दिन गुरुवार को भगवान शंकर जी की आरती से रामलीला का शुभारम्भ हुआ। कलाकारों ने पंचवटी दृश्य, खरदूषण वध, सीताहरण, जटायु मरण, श्रीराम हनुमान भेंट, सुग्रीव मित्रता, बालि वध के दृश्य का बखूबी मंचन किया। पंचवटी दृश्य का मंचन देख दर्शक भाव विभोर हो गये और करतल ध्वनि से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया।
वहीं जब इस बात की जानकारी रावण को होती है तो वह साधु का वेश धारण कर पंचवटी में कुटिया के पास पहुंचता है। जैसे ही माता सीता भिक्षा देने के लिये लक्ष्मण रेखा पार करती है रावण उनका हरण कर लेता है। सीता हरण से श्रीराम क्षुब्ध हो जाते हैं और विलाप करते हैं। तभी प्रभु श्रीराम की मित्रता हनुमान से होती है।
चौथे दिन 11 अक्टूबर को मां दुर्गा जी की आरती, सीता की खोज, लंका दहन, विभीषण शरणागति, अंगद का लंका प्रस्थान, राजकुमार वध, अंगद-रावण संवाद, लक्ष्मण शक्ति का मंचन होगा।