महापरिवर्तन के युग में आध्यात्म और समाज का सशक्त संदेश
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। दयाल गेटवे कन्वेंशन सेंटर, विभूति खंड, गोमती नगर में “राम कथा” का शुभारंभ प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य शांतनु जी महाराज के पावन सान्निध्य में हुआ। यह कथा 3 से 9 अगस्त 2025 तक प्रतिदिन सायं 5 से 8 बजे तक भक्तजनों के लिए खुले मंच पर आयोजित की जा रही है, जिसमें पहली ही शाम बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।
आचार्य शांतनु जी महाराज ने प्रदेश की वर्तमान स्थिति, भारतीय संस्कृति और वैश्विक हिंदू समाज से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार साझा किए।
उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक बदलाव की सराहना
आचार्य शांतनु जी महाराज ने योगी आदित्यनाथ सरकार के आठ वर्षों की जोरदार सराहना करते हुए इसे ‘महापरिवर्तन’ का काल बताया। उन्होंने कहा, “अल्पकाल में उत्तर प्रदेश ने कानून-व्यवस्था के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रांत में प्रत्येक वर्ग एवं नागरिक आज खुद को सुरक्षित महसूस करता है। अपराध और भ्रष्टाचार पर नकेल कसी गई है, जिससे आमजन को आत्मविश्वास एवं सुरक्षा का नया भाव मिला है।” उन्होंने मुफ्त राशन, महिला सुरक्षा, पुलिस भर्ती, मेडिकल कॉलेज, कानून-व्यवस्था और डिजिटल निगरानी जैसी सरकारी उपलब्धियों को जनता के प्रति समर्पित शासन का प्रमाण बताया
बांग्लादेश में हिंदुओं की स्थिति पर चिंता
महाराज श्री ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वहां विगत महीनों में अल्पसंख्यक हिंदू समाज पर हमलों की घटनाएं बढ़ी हैं, जिससे वैश्विक मंच पर भारत सरकार को हिंदुओं की रक्षा के लिए निर्णायक कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि “हर हिंदू की सुरक्षा, चाहे वह कहीं भी निवास करता हो, भारत की नैतिक जिम्मेदारी होनी चाहिए।”
बंगाल की कानून-व्यवस्था पर सवाल
आचार्य शांतनु जी महाराज ने पश्चिम बंगाल में ममता सरकार की कानून-व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न उठाते हुए कहा कि लगातार हो रही अराजकता, अपराध और हिंसा से वहां आमजन भयभीत है। इस पर उन्होंने राष्ट्रपति शासन लागू करने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि राज्य में संविधान का शासन और नागरिक अधिकारों की पुनः स्थापना हो सके।
सौहार्दपूर्ण संवाद और सामाजिक सजगता
पत्रकारों के सवालों का उत्तर देते हुए महाराज श्री ने चेताया कि सभी संत-महापुरुषों को विवादास्पद बयानबाजी से बचना चाहिए और धर्म-समाज को एकजुट रखने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने विशेषकर अनिरुद्धाचार्य महाराज को भी यही सलाह दी।
ऐतिहासिक नाम बदलने और पुनर्लेखन की वकालत
आचार्य शांतनु जी महाराज ने लखनऊ, आजमगढ़, सुलतानपुर जैसे नगरों के ऐतिहासिक नाम पुनर्स्थापित करने तथा इतिहास के सही पुनर्लेखन की जोरदार मांग की। उन्होंने रामायण और महाभारत में उल्लिखित नगरों के प्राचीन गौरव को समाज के समक्ष पुनः रखने की आवश्यकता उजागर की।