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राजनीति को नया आयाम देने के लिए जरुरी युवाओं की भागीदारी…

युवाओं के हाथ में राजनीति के नए युग की शुरुआत…

  • अतुल मलिकराम (लेखक और राजनीतिक रणनीतिकार)

राजनीति—यह शब्द सुनते ही अक्सर हमारे मन में नकारात्मक विचारों की बाढ़ आ जाती है। भ्रष्टाचार, सत्ता की भूख, और धोखाधड़ी जैसे शब्द हमारे दिमाग में घूमने लगते हैं। समाज में राजनीति और राजनेता दोनों को ही नकारात्मक दृष्टि से देखा जाता है। आज के समय में शायद ही कोई माता-पिता होंगे जो अपने बच्चे को राजनेता बनते देखना चाहते होंगे। राजनीति को लेकर आम जनता के मन में जो गलत धारणाएँ हैं। इसी के कारण आज के युवा राजनीति से दूर भागते हैं, क्योंकि वे किसी प्रपंच या झंझट में नहीं पड़ना चाहते। लेकिन राजनीति का क्षेत्र इतना ही गलत है, तो इसे सही कौन करेगा? क्या युवा, जो इस देश का भविष्य हैं, उन्हें इसमें सुधार करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए !!

मेरा मानना है कि अगर किसी जगह आपको कहीं कुछ गलत होता दिखाई दे, तो बजाय दूर खड़े होकर उसकी निंदा करने के, उसका समाधान करने के लिए उसकी जड़ तक जाना चाहिए। हमारे युवाओं को भी राजनीति के नकारात्मक दृष्टिकोण को बदलने के लिए कुछ ऐसा ही करना चाहिए। उन्हें राजनीति में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। युवाओं की राजनीति में भागीदारी, समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का सबसे सशक्त माध्यम बन सकती है। जब युवा राजनीति में कदम रखेंगे, तो वे अपने नए विचार, नई सोच, लीक से हटकर काम करने के तरीके, ऊर्जा, और उत्साह के साथ समाज की समस्याओं का समाधान नए दृष्टिकोण से खोजे सकेंगे। यही कारण है कि राजनीति में युवाओं की भागीदारी न केवल आवश्यक है, बल्कि अनिवार्य भी है। राजनीति केवल सत्ता का खेल नहीं है, बल्कि यह समाज की भलाई के लिए कार्य करने का सबसे प्रभावी साधन है। अगर हम चाहते हैं कि हमारा देश प्रगति करे, तो हमें राजनीति में युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देना होगा।

राजनीति में आकर युवा समाज की भलाई के लिए काम कर सकते हैं। चाहे वह किसी भी पेशे में हों—इंजीनियर, डॉक्टर, शिक्षक, या उद्यमी—राजनीति में आकर वे समाज में बदलाव ला सकते हैं। राजनीति में कदम रखने का मतलब यह नहीं कि उन्हें अपना पेशा छोड़ना पड़ेगा। बल्कि, वे अपनी विशेषज्ञता और अनुभव का उपयोग बड़े बदलाव लाने के लिए कर सकते हैं।

मेरे विचार से युवाओं के राजनीति में आने से पारदर्शिता बढ़ेगी क्योंकि आज का युवा भ्रष्टाचार और धांधली से दूर भागता है। ये लोग जब राजनीति में आएँगे, तो समानता और न्याय का प्रसार होगा। आज का युवा टेक्नोलॉजी से अच्छी तरह परिचित है, इनके राजनीति में आने से टेक्नोलॉजी का सही उपयोग होगा, और देश को ग्लोबल लेवल पर पहचान मिल सकेगी।

आप सोच रहे होंगे कि मैं राजनीति में युवाओं को आगे आने के लिए इतना जोर क्यों दे रहा हूं, तो मैं आपको दुनिया भर के ऐसे कई उदाहरण दे सकता हूँ, जहां युवाओं ने राजनीति में प्रवेश किया और अपने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उदाहरण के लिए, फिनलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री सना मारिन, जिन्होंने 34 साल की उम्र में प्रधानमंत्री का पद संभाला, और यह साबित किया कि युवा नेता भी बड़े निर्णय ले सकते हैं और उन्हें सफलतापूर्वक लागू कर सकते हैं। सना ने सामाजिक कल्याण, पर्यावरण सुरक्षा, और शिक्षा के क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार किए, जो फिनलैंड के विकास में महत्वपूर्ण साबित हुए। इसी प्रकार, जैसिंडा अर्डर्न, न्यूज़ीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री, जिन्होंने मात्र 37 साल की उम्र में सत्ता संभाली और देश की राजनीति में नई सोच और संवेदनशीलता का परिचय दिया। जैसिंडा ने अपनी नीतियों से दिखाया कि कैसे युवा समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर निर्णय ले सकते हैं।

इन नेताओं की सफलता की कहानियाँ हमें यह बताती हैं कि जब युवा राजनीति में कदम रखते हैं, तो वे अपनी नई विचारधारा से बड़े बदलाव ला सकते हैं। बात करें भारत की, जहां सबसे बड़ा जनसंख्या वर्ग युवा है, वहां राजनीति में युवाओं की भागीदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। देश के विकास के लिए हमें ऐसे नेताओं की आवश्यकता है जो न केवल वर्तमान समस्याओं को समझें, बल्कि उनके समाधान के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी का उपयोग भी कर सकें। साथ ही भविष्य में आने वाले बदलावों के लिए भी सजग रहें।

अभी भी भारत में कई युवा नेता अपनी पहचान बना रहे हैं। अनुप्रिया पटेल, चंद्रशेखर रावण, तेजस्वी सूर्या और चिराग पासवान जैसे युवा नेताओं ने देश की राजनीति में नया आयाम जोड़ा है। ये साबित करते हैं कि युवाओं के पास भी समाज के ज्वलंत मुद्दों को समझने और उनका समाधान करने की क्षमता है। इन युवा नेताओं ने रोजगार, शिक्षा, और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर न केवल अपनी आवाज़ बुलंद की है, बल्कि इन समस्याओं के समाधान के लिए ठोस कदम भी उठाए हैं।

इसलिए, यही वह समय है जब युवाओं को राजनीति को करियर के रूप में चुनने पर विचार करना चाहिए। यही समय है जब हमें अपनी नकारात्मक सोच को बदलकर राजनीति को समाज में बदलाव लाने का साधन बनाने पर विचार करना चाहिए। राजनीति में युवाओं का आना न केवल देश के विकास के लिए आवश्यक है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग की भलाई के लिए भी महत्वपूर्ण है। राजनीति में आकर वे न केवल अपने भविष्य को बेहतर बनाएंगे, बल्कि पूरे समाज के लिए एक उज्जवल भविष्य की नींव रख सकेंगे।

(लेखक अतुल मलिकराम राजनीतिक रणनीतिकार हैं और ये उनके निजी विचार हैं)