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उद्योगों में एनर्जी ऑडिट अभियान चलाएगा IIA, ये है उद्देश्य

  • पर्यावरण संरक्षण और कार्बन उत्सर्जन को कम करने का आईआईए का संकल्प
  • Industrial decarbonization पर राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन
  • आईआईए एवं Swaniti Global Initiative, सरकार के साथ मिलकर करेंगे कार्बन उत्सर्जन को कम

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन और Swaniti Global Initiative के संयुक्त तत्वाधान में शुक्रवार को आईआईए भवन गोमती नगर में एक दिवसीय राज्य स्तरीय industrial decarbonization कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में पूरे प्रदेश से आए लगभग 60 डेलिगेट्स ने सक्रिय भाग लिया।
कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में अपने अध्यक्षीय संबोधन में राष्ट्रीय अध्यक्ष आईआईए नीरज सिंघल ने कहा कि देश और दुनिया में आज जो अधिक संख्या में बाढ़ व बादल फटने तथा सूखे की घटनाएं, तूफान व साइक्लोन आने तथा ग्लेशियरों के पिघलने का सिलसिला जारी है उसका एकमात्र कारण कार्बन उत्सर्जन में वृद्धि है और decarbonization की प्रक्रिया में शिथिलता है। इसके कारण न केवल प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि हो रही है अपितु मानव समाज गंभीर बीमारियों की चपेट में भी आ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि decarbonization की प्रक्रिया को तेज नहीं किया गया तो इस धरती पर और गंभीर खतरे हमारे सामने खड़े होंगे। इस अत्यंत गंभीर समस्या को ध्यान में रखते हुए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है।

श्री सिंघल ने बताया कि कार्बन उत्सर्जन के अनेक स्रोत हैं जिसमें से औद्योगिक संबंधी गतिविधियों का भी बड़ा योगदान है। इस औद्योगिक उत्सर्जन को हम उद्योगों में energy efficiency को improve कर, renewable energy sources को अपनाकर तथा औद्योगिक प्रक्रियाओं में सुधार कर कम कर सकते हैं। ऐसा करने से न केवल हम पर्यावरण की रक्षा करेंगे अपितु उद्योगों में खर्चो को भी काम कर सकेंगे।


उन्होंने कहा कि IIA द्वारा कार्बन उत्सर्जन की समस्या को बहुत पहले भाप लिया गया था। सांकेतिक पहल विभूति खंड गोमती नगर में स्थित आईआईए भवन से लगभग 20 वर्ष पहले कर दी गई थी। आज आईआईए भवन के चारों ओर 150 से अधिक पेड़ स्थित है, 20 किलोवाट का रूफटॉप सोलर सिस्टम कार्यरत है तथा आईआईए भवन को ग्रीन बिल्डिंग की तर्ज पर बनाया गया है। सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विगत 10 वर्षों से इंडिया सोलर एक्सपो का आयोजन प्रतिवर्ष किया जा रहा है तो विगत 5 वर्षों से ई-व्हीकल एक्सपो का भी आयोजन किया जा रहा है।

श्री सिंघल ने बताया कि इस वर्ष इस पहल को और तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। जिसके अंतर्गत MSME उद्योगों में एनर्जी ऑडिट IIA द्वारा Swaniti Global Initiative के सहयोग से कराए जाएंगे तथा कम से कम 5 औद्योगिक आस्थानो में ग्रीन एनर्जी क्लस्टर स्थापित किए जाएंगे। ecarbonization को अपनाने के लिए आईआईए द्वारा उद्यमियों के लिए Capacity Building और Awareness program आयोजित किए जाएंगे।


कार्यशाला को संबोधित करते हुए आईआईए के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिनेश गोयल ने प्रतिभागियों के साथ अपने उद्योग में decarbonization के लिए किए गए उपायों तथा उसे प्राप्त लाभों के बारे में अपने अनुभव साझा किया। श्री गोयल ने कहा कि अपने उद्योग तथा रहन-सहन में कार्बन उत्सर्जन को कम करना तथा इस उत्सर्जन के प्रभाव को कम करने के उपाय करना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।


कार्यशाला का संचालन आईआईए के महासचिव आलोक अग्रवाल ने किया। इस दौरान श्री अग्रवाल ने कहा कि आज सरकार द्वारा कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए अनेक योजनाएं चला रखी है और कार्बन उत्सर्जन कम करना स्वैच्छिक है। परंतु वह दिन दूर नहीं है जब यह करना अनिवार्य हो जाएगा और सरकार द्वारा दिए जा रहे प्रोत्साहन भी काम होते जाएंगे। इसका सजीव उदाहरण कुछ वर्ष पहले उद्योगों में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए नेट मीटरिंग व्यवस्था लागू थी जो अब नहीं है। इसलिए हम सभी उद्यमियों को कार्बन उत्सर्जन कम करने के लिए सरकार की जो भी सहायता उपलब्ध है उसका जल्दी से जल्दी लाभ ले लेना चाहिए।
Swaniti Global Initiative के स्ट्रेटजी एडवाइजर रिपु भंजन सिंह ने अपने संबोधन में कार्यशाला की रूप रेखा तथा Swaniti Global द्वारा किए जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। कार्यशाला में विभिन्न विशेषज्ञ वक्ताओं ने विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया।


Anandamohan Ghosh (Fellow, Industrial Energy Efficiency, The Energy And Resources Institute) ने Challenges and Opportunities In Industrial Decarbonization विषय पर प्रकाश डाला। सैयद फरमान इमाम (AGM सिडबी) ने सिडबी द्वारा ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहित करने के लिए सिडबी और सरकार की योजनाओं के बारे में बताया।
नेहा खन्ना (Senior Manager, Climate Policy Initiative) ने Industrial Decarbonization ke लिए Global Climate Finance के बारे में बताया। Nishtha Singh (assistant director climate Asia Society Policy Institute) ने carbon credit एवं इसके लाभ विषय पर प्रस्तुतिकरण दिया।
Nishaanth Balashanmugam (Country Manager, India Green Hydrogen Organisation) ने National Green Hydrogen Mission तथा उत्तर प्रदेश ग्रीन Hydrogen Policy के बारे में विस्तार से प्रतिभागियों को अवगत कराया।
कार्यक्रम में प्रतिभागियों के अतिरिक्त आईआईए के वरिष्ठ पदाधिकारी अनिल गुप्ता (पूर्व अध्यक्ष), जीसी चतुर्वेदी (पूर्व अध्यक्ष), चेतन भला (उपाध्यक्ष), सूर्य प्रकाश हवेलिया (राष्ट्रीय सचिव) तथा जेपी जायसवाल (राष्ट्रीय सचिव) शामिल थे। कार्यक्रम के अंत में राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अवधेश अग्रवाल ने विशेषज्ञ वक्ताओं तथा अतिथियों को स्मृति चिन्ह एवं पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिनेश गोयल द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।