- एयरटेल ने कुछ चुनिंदा सर्किलों में अपने 5G नेटवर्क पर स्टैंडअलोन (SA) नॉन-स्टैंडअलोन (NSA) स्विच के बिना किसी परेशानी से काम करने का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
- स्मार्टफोन मूल उपकरण विनिर्माता (OEMs), स्टैंडअलोन (SA) नॉन-स्टैंडअलोन (NSA) दोनों की मिली-जुली व्यवस्था का उपयोग करके कैरियर एग्रीगेशन कार्यक्षमता को और अधिक बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। भारती एयरटेल (“एयरटेल”) ने आज घोषणा की कि उसने अपने 5G ट्रैफिक की नेटवर्क से जुड़ी जरूरत में तेजी से होती वृद्धि पूरी करने अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए अपने मौजूदा मिड-बैंड स्पेक्ट्रम को नए सिरे से व्यवस्थित करना शुरू कर दिया है। जैसे-जैसे अधिक से अधिक ग्राहक 5G नेटवर्क की ओर बढ़ते जा रहे हैं, एयरटेल देश भर में अपने 1800, 2100, 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड पर 5G सेवाओं का विस्तार करने के लिए अपने मिड-बैंड स्पेक्ट्रम का नए सिरे से तैयार कर रही है।
मिड-बैंड स्पेक्ट्रम का उपयोग किए जाने पर ग्राहकों को बेहतर इनडोर कवरेज के अलावा पहले से अधिक तेज गति की ब्राउज़िंग का लाभ मिलेगा। जैसे-जैसे डेटा की मांग बढ़ती जा रही है, एयरटेल भी अपने ग्राहकों को शानदार 5G अनुभव देने के लिए अपने मौजूदा स्पेक्ट्रम को तेज गति से नए सिरे से तैयार कर रहा है।
रणदीप सेखों (सीटीओ, भारती एयरटेल) ने कहा, “जैसे-जैसे अधिक ग्राहक हमारी 5G सेवाओं की ओर बढ़ रहे हैं, हम अपने मिड बैंड स्पेक्ट्रम को नए सिरे से तैयार करते जा है जिसका उपयोग पहले 4G सेवाएं देने के लिए किया जा रहा था। इसी के हम स्टैंड-अलोन टेक्नोलॉजी लॉन्च करने के लिए भी तैयार हैं। इसका मतलब यह होगा कि एयरटेल नेटवर्क भारत में पहला नेटवर्क होगा जो स्टैंड-अलोन और नॉन-स्टैंडअलोन दोनों मोड पर काम करेगा, जिससे हम बाजार में बेहतरीन अनुभव दे सकेंगे।”
स्टैंड-अलोन (SA) और नॉन-स्टैंडअलोन (NSA) स्विच के पायलट परीक्षण रेवाड़ी, चेन्नई और भुवनेश्वर में किए गए हैं और इनके परिणाम उत्साहजनक रहे हैं। 5G नेटवर्क पर यह क्षमता प्राप्त होने पर एयरटेल ओपन एपीआई, अलग-अलग कनेक्टिविटी विकल्प प्रदान करने और सेवा-आधारित आर्किटेक्चर के माध्यम से नए नवाचारिक एप्लीकेशन, सेवाओं और समाधानों को प्रस्तुत कर सकेगी।
पिछले एक साल में, एयरटेल ने उपयोग करने के कई शक्तिशाली मामलों में 5G की कार्यक्षमता का प्रदर्शन किया है, जिसने ग्राहकों के जीवन जीने और व्यापार करने के तरीके को बदल दिया है। एयरटेल का 5G रोल-आउट देश में सबसे तेज़ रहा है और अब यह सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में उपलब्ध है।