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IIT KANPUR : स्टूडेंट्स के लिए आयोजित 4 दिवसीय मटेरियल कैंप का समापन

कानपुर (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। मटेरियल एडवांटेज@ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कानपुर (आईआईटीके), आईआईटी कानपुर में मटेरियल्स साइंस एण्ड इंजीनियरिंग विभाग (एमएसई) के अंतर्गत स्टूडेंट टेक्निकल चैप्टर और एडवांस्ड सेंटर फॉर मटेरियल्स साइंस (एसीएमएस), आईआईटी कानपुर ने विभिन्न प्रतिष्ठित संगठनों के साथ सहयोग से 03 से 06 मई तक चार दिवसीय “मटेरियल्स कैम्प” का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में सहयोग करने वाली संस्थाओं में मैटेरियल्स सोसाइटी, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेटल्स (आईआईएम) कानपुर चैप्टर, इंडियन नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग (आईएनएई) कानपुर चैप्टर, बीआईएस स्टूडेंट चैप्टर, एसईआरबी और एएसएम इंटरनेशनल कानपुर चैप्टर शामिल थे। मटेरियल एडवांटेज@ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी कानपुर के संस्थापक आयोजक और संकाय समन्वयक प्रोफेसर कांतेश बलानी ने मुख्य आयोजकों के रूप में पी. शिवेन, पूजा रानी और धनंजय उमराव के साथ कार्यक्रम की मेजबानी की। 

प्रोफेसर कांतेश बलानी ने कहा, “शिविर की प्रतिक्रिया देखकर हमें बहुत खुशी हुई। इस कार्यक्रम में कानपुर के नौ प्रमुख स्कूलों के 37 छात्रों और नौ शिक्षकों की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई। यह छात्रों और शिक्षकों के बीच सामग्री विज्ञान और इंजीनियरिंग में बढ़ती रुचि को दर्शाता है। इसमें शामिल सभी लोगों के सहयोगात्मक प्रयासों और समर्पण ने इस आयोजन को शानदार सफलता दिलाई, जिससे इस क्षेत्र में भविष्य की पहल और प्रगति का मार्ग प्रशस्त हुआ।“ इस शिविर में प्रतिभाग लेने वाले स्कूलों में जुगल देवी सरस्वती विद्या मंदिर, चाचा नेहरू स्मारक इंटर कॉलेज, एयर फोर्स स्कूल, डॉ. वीरेंद्र स्वरूप शिक्षा केंद्र, जय नारायण विद्या मंदिर, केंद्रीय विद्यालय आईआईटी कानपुर, मेथोडिस्ट हाई स्कूल, पूर्णचंद्र विद्या निकेतन और एलन हाउस पब्लिक स्कूल शामिल थे।

सामग्री शिविर का उद्घाटन वर्चुअल मोड में एएसएम इंटरनेशनल के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. नवीन मंजूरन ने किया। इंजीनियरिंग में मटेरियल्स के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, आई आई टी कानपुर के एमएसई विभाग के प्रमुख प्रोफेसर कल्लोल मंडल ने आवश्यक इंजीनियरिंग प्रदर्शन प्राप्त करने में सामग्री (मटेरियल) और प्रसंस्करण की भूमिका पर जोर दिया। आईएनएई कानपुर के अध्यक्ष प्रोफेसर योगेश जोशी ने सामग्री विज्ञान में अनुसंधान के माध्यम से सभी इंजीनियरिंग क्षेत्रों को ‘मूर्त’ संस्थाओं के रूप में अभिसरण पर प्रकाश डाला। भारतीय आईआईएम कानपुर चैप्टर के अध्यक्ष और एसीएमएस के प्रमुख प्रोफेसर अनीश उपाध्याय ने सभ्यता में सामग्रियों की भूमिका और इंजीनियरिंग में सामग्रियों के उपयोग के नए रास्ते तलाशने पर ध्यान केंद्रित करते हुए बात रखी।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रोफेसर अनीश उपाध्याय की ‘सामग्री विफलता: इससे सीख’ विषय पर व्याख्यान के साथ हुई। व्यावहारिक सत्र के बाद, प्रतिभागियों को एसीएमएस में उन्नत सामग्री परीक्षण और लक्षण वर्णन सुविधाओं, जैसे इंस्ट्रुमेंटेड इंडेंटेशन, एक्स-रे विवर्तन, स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी और मैकेनिकल परीक्षण प्रयोगशालाओं का दौरा करने का अवसर मिला। जिनमें से सभी को लेकर प्रतिभागियों द्वारा अत्यधिक सराहना की गई। प्रोफेसर अनीश उपाध्याय और प्रोफेसर कांतेश बलानी के साथ चर्चा सत्र ने इंजीनियरिंग को आगे बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करने में सामग्रियों की भूमिका पर आकर्षक बातचीत और एक नया दृष्टिकोण प्रदान किया।

कार्यक्रम के दूसरे दिन ज्ञानवर्धक सत्रों की एक श्रृंखला प्रस्तुत की गई। जिसमें आईआईटी बीएचयू के प्रोफेसर कौशिक चट्टोपाध्याय ने “सामग्री परीक्षण और उसके महत्व का अवलोकन” पर प्रस्तुति दी। प्रोफेसर नीरज चावाके ने “सामग्री के वर्गीकरण” पर व्याख्यान दिया। दूसरे दिन प्रथम भाग के कार्यक्रम में, प्रोफेसर कांतेश बलानी ने “सामग्री की आकर्षक दुनिया” शीर्षक पर एक आकर्षक व्याख्यान दिया। साथ ही श्रुति दुबे और पी. शिवेन द्वारा प्रस्तुत एक फ्लैट टेलीविजन में सामग्रियों पर वास्तविक जीवन का प्रदर्शन शामिल रहा।

दोपहर के सत्रों में, प्रतिभागियों ने भौतिक धातु विज्ञान प्रयोगशाला में नमूना तैयार करने और विभिन्न नमूनों की माइक्रोस्कोपी पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रयोगशाला सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लिया। इस सेशन को विशेषज्ञ के रूप में ज्ञान पी. बाजपेयी और अजय पी. सिंह द्वारा समन्वित किया गया था। जिसमें हर्षित अग्रवाल, राजदीप्त समद्दर और सत्य पी. नाथ का अमूल्य सहयोग शामिल रहा।

कार्यक्रम के तीसरे दिन, सत्र की शुरुआत प्रोफेसर कल्लोल मंडल द्वारा “हमारे चारों ओर संक्षारण” विषय पर चर्चा के साथ हुई।जिसके बाद पी. शिवेन, पूजा रानी, मुरली मनोहर और डॉ. दीपक खरे, कुँवर पी. सिंह, समता सामल, गोविंद, अजय पी. सिंह, सूर्या पी. सोनकर द्वारा कोमल, दिनेश दिवाकर एवं राज बाबू के सहयोग से संपीड़न मोल्डिंग, वेटिंग, लैब-सुरक्षा और स्कैनिंग इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी का प्रदर्शन किया गया। इसके अलावा, धनंजय उमराव, डॉ. आशुतोष तिवारी, प्रदीप पटेल, विनय त्रिपाठी, सुमन त्रिपाठी और हर्ष द्विवेदी द्वारा “इलेक्ट्रॉन माइक्रोस्कोपी फॉर बिगिनर्स” और वर्चुअल रियलिटी पर वर्चुअल लैब के समानांतर सत्र का प्रदर्शन किया गया, जिसमें सभी छात्रों से गर्मजोशी भरी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। दिन का समापन सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्रों के वितरण और एएसएम इंटरनेशनल के अध्यक्ष प्रदीप गोयल के ऑनलाइन संबोधन के साथ हुआ, जिसमें इंजीनियरिंग सामग्रियों को डिजाइन करने में सामग्री विज्ञान के महत्व पर जोर दिया गया।

‘मटेरियल्स कैम्प’ के अंतिम दिन, सभी का ध्यान यांत्रिक परीक्षण और विनिर्माण प्रक्रियाओं की ओर स्थानांतरित हो गया, जिसमें सामग्री के आकार को बदलने और वांछित प्रदर्शन प्राप्त करने में प्रसंस्करण तकनीकों के महत्व पर प्रकाश डाला गया। जिसमें अनिल के. वर्मा, एसके अग्निहोत्री, आईपी सिंह, राकेश के दीक्षित, गौरव मिश्रा, ज्ञानेंद्र सिंह, समरदीप, भरत आर सिंह, अनिल दीक्षित, दिगंबर मणि, एसी सैनी और पप्पू कन्नौजिया का महत्वपूर्ण योगदान रहा। इस दिन डिफेन्स मटेरियल्स एण्ड स्टोरेस रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट ईस्टैब्लिश्मन्ट (डीएमएसआरडीई), कानपुर का दौरा भी किया गया, जिसमें देश की रक्षा की जरूरतों को प्रस्तुत किया गया। डीएमएसआरडीई दौरे के दौरान डॉ. मयंक द्विवेदी (निदेशक डीएमएसआरडीई), डॉ. किंगसुक मुखोपाध्याय, डॉ. सुरेश कुमार और डॉ. गोबरधन लाल का सहज समन्वय सराहनीय था।

चार दिनों के आकर्षक सत्रों के दौरान प्रतिभागियों का उत्साह बरकरार रहा, जो ‘मटेरियल्स कैम्प’ की शानदार सफलता को दर्शाता है और छात्रों में सामग्री विज्ञान और इंजीनियरिंग को करियर विकल्प के रूप में अपनाने के प्रति नई रुचि जगाता है।