लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों द्वारा किसी भी ग्राहक को बेचे गये सामान का भुगतान यदि 45 दिन तक नही किया जाता है तो इस भुगतान को एमएसएमई डब्लपमेन्ट एक्ट- 2006 के प्रावधानों के अन्तर्गत सभी 18 मण्डलों में गठित फैसिलिटेशन काउंसिलो के माध्यम से दिलाया जाता है। यह फैसिलिटेशन काउंसिल एक अर्ध-न्यायिक निकाय होती है जिसकी अध्यक्षता सम्बन्धित मण्डल के मण्डलायुक्त करते है। काउंसिल में 4 अन्य सदस्य भी होते है जिनमें इण्डियन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन का एक सदस्य अनिवार्य रूप से होता है। इसके अतिरिक्त सम्बन्धित संयुक्त आयुक्त उद्योग, लघु उद्योग भारती तथा लीड बैक का नामित प्रतिनिधि भी शामिल होते है।
इस प्रकार उत्तर प्रदेश की 18 फैसिलिटेशन काउंसिलो में अध्यक्ष के अतिरिक्त 72 सदस्य है। इन 72 सदस्यों के लिए एक दिवसीय सेमिनार 27 मार्च को आईआईए भवन में आयोजित किया जाएगा। जिसमें इनको काउंसिल के काम-काज तथा सम्बन्धित नियमों और कानूनों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी।
सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार में अपर मुख्य सचिव एमएसएमई अमित मोहन प्रसाद तथा विशिष्ठ अतिथि राजेश कुमार (आयुक्त एवं निदेशक उद्योग), मुख्य वक्ता सुरेश ढोले (वरिष्ठ अधिवक्ता उच्चतम एवं उच्च न्यायालय) शामिल होंगे। इसके अलावा प्रमुख वक्ताओं में संजय कौल, अजय गुप्ता, तरूण खेत्रपाल तथा प्रमोद मिगलानी मौजूद रहेंगे। सभी आईआईए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष है और वर्तमान में सम्बन्धित मण्डलों में फैसिलिटेशन काउंसिल के सक्रिय सदस्य है।
सेमिनार का संचालन केके अग्रवाल (सेमिनार के संयोजक तथा बस्ती मण्डल में फैसिलिटेशन काउंसिल के सदस्य) करेंगे। सेमिनार में आईआईए के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिनेश गोयल तथा राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अवधेश अग्रवाल विशेष रूप से भाग लेंगे।