ब्रज तीर्थ विकास परिषद को मथुरा में रंगोत्सव-2024 को दिव्य एवं भव्य तरीके से आयोजित करने के निर्देश
पर्यटन विभाग का प्रयास है कि रंगोत्सव में आने वाले
देशी-विदेशी श्रद्धालु सुखद अनुभूति लेकर लौटें
: जयवीर सिंह
लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा/टेलीस्कोप टुडे)। भगवान श्रीकृष्ण की जन्मस्थली के रूप में विश्व विख्यात मथुरा न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि समूचे देश का महत्वपूर्ण धार्मिक पर्यटन स्थल हैं। यहां बड़ी संख्या में देश-दुनिया से पर्यटक आते हैं। वर्ष 2023 में करीब आठ करोड़ लोगों ने भ्रमण किया। इस वर्ष उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद रंगोत्सव-2024 को भव्य एवं पारम्परिक ढंग से आयोजित करने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारी की है। इस आयोजन में विभिन्न विभागों का भी सहयोग लिया जा रहा है। इस रंगोत्सव को देखने के लिए पूरी दुनिया से श्रद्धालु एवं पर्यटक मथुरा आते हैं। राज्य सरकार ने आस्था के साथ परम्पराओं को भी सम्मान देते हुए इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी विभागों को निर्देश दिए हैं। शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में उक्त जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने दी।
रंगोत्सव-2024 के भव्य एवं दिव्य आयोजन की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की धरती पर सारे अवतार हुए हैं। यहां पर पवित्र नदियों का संगम है। गंगा से लेकर यमुना एवं अन्य नदियां इस प्रदेश की धरा को सींचती हैं। साथ-साथ आस्था एवं आधुनिकता का उत्सव भी चलता रहता है। उन्होंने कहाकि होली का पर्व भारतीय में संस्कृति आपसी भाई-चारे एवं भावनात्मक रिश्तों का त्यौहार है। भगवान श्रीकृष्ण एवं राधा जी की लीलाओं का मथुरा के धरती पर अनेक चिन्ह विखरे हुए हैं। लोगों की इसमें असीम आस्था है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि इस रंगोत्सव को करीब से देखने एवं इससे जुड़ने के लिए लाखों की संख्या में पर्यटक एवं श्रद्धालु आते हैं। इस आयोजन से जहां एक ओर आराध्य की लीलाओं का गुणगान होता है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण अंचलों में प्रेम सौहार्द्र, भाईचारा की भावना बलवती होती है। मथुरा, गोकुल, वृन्दावन, बरसाना, नन्द गाँव आदि पवित्र स्थलों पर श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए राज्य सरकार द्वारा सुनियोजित विकास किया जा रहा है। इसके लिए उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन भी किया गया है। राधा-कृष्ण से जुड़ी हुई परम्पराओं को जीवंत रूप देने के लिए ब्रज तीर्थ विकास परिषद कार्य कर रही है।
जयवीर सिंह ने कहाकि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एवं भारत रत्न स्व. अटल बिहारी बाजपेयी के जन्मदिन के अवसर पर हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किये जाने के साथ ही आगरा, मथुरा में हेलीपोर्ट सेवा शुरू की गई है। इसके अलावा गोकुल से वृन्दावन तक यमुना में क्रूज संचालन के लिए सैद्धांतिक सहमति बन गई है। शीघ्र ही क्रूज का संचालन करा दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि बरसाना की लड्डू होली और अगले दिन की लट्ठमार होली विश्वभर में प्रसिद्ध है। ब्रज में होली का उत्सव 40 दिन तक चलता है। इसकी शुरूआत 17 मार्च को होगी। इस वर्ष 17 मार्च को लड्डू होली, 18 मार्च को बरसाना में लट्ठमार होली तथा 19 मार्च को नन्दगांव में भी लट्ठमार होली का आयोजन किया जाएगा।
प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया कि 17 मार्च से यह उत्सव शुरू होकर 01 अप्रैल को श्री रंगजी मंदिर वृन्दावन में होली खेलने के साथ समापन होगा। उन्होंने कहा कि वैसे ब्रज में होली का उत्सव 40 दिन तक चलता रहता है। इस अवसर पर विभागीय अधिकारी डॉ. कल्याण सिंह के अलावा अन्य लोग उपस्थित थे।
होंगे ये आयोजन
बरसाना व दाऊजी के अलावा मथुरा, वृंदावन, गोवर्धन, गोकुल, नंदगांव में अपनी तरह की अनोखी होली खेली जाती है। ब्रज की प्रसिद्ध होली देखने के लिए न केवल देश बल्कि बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आते हैं।
मथुरा की लठ्ठमार होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। बरसाना की लड्डू होली और अगले दिन की लट्ठमार होली भी विश्वभर में प्रसिद्ध है। जिसमें देशी-विदेशी आगन्तुकों की भारी भीड़ एकत्र होती है।
वैसे ब्रज में 40 दिन तक होली का उत्सव चलता है, लेकिन असली उत्साह होली के एक सप्ताह पूर्व से बढ़ने लगता है। इसकी शुरुआत बरसाना के श्रीजी मंदिर में 17 मार्च को खेली जाने वाली लड्डू होली और अगले दिन 18 मार्च को बरसाना और फाल्गुन दशमी 19 मार्च को नंदगाँव के नंद भवन में लट्ठमार होली खेली जाएगी।
मान्यता है कि भगवान कृष्ण ने राधा रानी और गोपियों के साथ लट्ठमार होली खेली थी तभी से यह परंपरा शुरू हुई। 20 मार्च को वृंदावन में रंगभरनी एकादशी को बिहारी जी मंदिर में रंग डाला जाएगा।
21 मार्च को गोकुल में छड़ीमार होली होगी। इसी दिन बांके बिहारी मंदिर में फूलों की होली होगी। 24 मार्च को द्वारकाधीश मंदिर में होली होगी। चौबे समाज का होलीगेट तक डोला भी निकलेगा और होलिका दहन होगा। 25 मार्च को पूरे ब्रज में होली का उत्सव (धुलेंडी) मनाया जाएगा। 26 मार्च को दाऊजी के विशाल मंदिर में हुरंगा होगा। उप्र ब्रज तीर्थ विकास परिषद, मथुरा ने रंगोत्सव-2024 की तैयारियां तेज कर दी है।
रंगोत्सव में जगह-जगह होली के सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। इसमें स्थानीय कलाकारों के लिए विभिन्न स्थानों पर सांस्कृतिक मंच बनाये जा रहे हैं। 26 मार्च को बलदेव में दाऊजी के हुरंगा में मंदिर परिसर में फूलों के रंगों से होली खेली जाएगी। इसमें पंडा समाज (अहिवासी ब्राह्मण) के लड़कों पर महिलाएं रंग फेंकने के बाद कोड़े बरसाती हैं।
26 मार्च को ही जाब का हुरंगा, जाब गांव में होगा। इसी दिन चरकुला नृत्य राधा जी ननिहाल मुखराई होगा। 27 को गिडोह व बठैन में होली का आयोजन है। 31 मार्च को छड़ीमार होली पुरानी महावन में और एक अप्रैल को श्रीरंग जी मंदिर वृंदावन में होली के साथ समापन होगा।