लखनऊ (शम्भू शरण वर्मा/टेलीस्कोप टुडे)। धरोहरों को यदि संरक्षित करके रखा जाता है तो वह आने वाली पीढ़ी को भी अतीत की याद करा देती है कि हमारी संस्कृति सभ्यता कैसी थी। कुछ ऐसी ही प्राचीन कलात्मक बेशकीमती मूर्तियों और चीजों से सजी है ललित कला अकादमी अलीगंज लखनऊ चल रही राज्य स्तरीय मृगनयनी हस्तशिल्प एवं हथकरघा प्रदर्शनी 2024। जहां उन्हें देखा और अपनाया जा सकता है।
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प्रदर्शनी में पंचधातु (सोना, चांदी, तांबा, जस्ता और रांगा) से निर्मित बालाजी महाराज, गज-गामिनी, विघ्न विनाशक गणेश जी, राम दरबार, शिव परिवार, विष्णु जी, राधा-कृष्ण जैसे अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां हैं तो वहीं दूसरी ओर रचनात्मक और कलात्मक गौतम बुद्ध, शेर, खरगोश, घोड़े, लैम्प, मोमबत्ती स्टैंड, हुक्के, दीये जैसी अन्य सजावटी वस्तुएं भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं।
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इतना ही नही टीकमगढ़ के राहुल सोनी इन चीजों के साथ गिन्नी, कमरपेटी, झुमके और मुगल काल के प्राचीन सिक्कों का खूबसूरत कलेक्शन भी अपने साथ लाएं हैं। इस प्रदर्शनी में वाइट मेटल से बनी आर्टिफिशियल ज्वेलरी, मोती की बनी ज्वैलरी, कंगन, चूड़ी, ब्रेसलेट, सितारामी हार आकर्षण का केंद्र बने हैं। प्रदर्शिनी के प्रबंधक एमएल शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम भोपाल द्वारा आयोजित मृगनयनी प्रदर्शनी में एक जिला एक उत्पाद की अवधारणा के अंतर्गत कुटीर एवं ग्रामोद्योग द्वारा निर्मित भोपाल की जरी जरदोजी एवं जूट सीहोर, बुदनि के लेकरवेयर खिलौने, चंदेरी वस्त्र, महेश्वरी धार की बाग प्रिंट तथा उज्जैन के बटिक प्रिंट की सामग्री प्रदर्शित की गई है। प्रदर्शनी में भीड़ उमड़ रही है और लोग खरीदारी भी कर रहे हैं।