आईना ने देखा स्वच्छ सरयू का नया स्वरूप और विकासशील अध्यात्म नगरी
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। ऑल इंडिया न्यूज पेपर एसोसिएशन (आईना) परिवार के पत्रकारों का प्रतिनिधि मंडल अयोध्या के विकास कार्यों की समीक्षा के साथ अयोध्या राम मंदिर निर्माण की कवरेज करने के उपरांत सरयू घाट पहुंचा। जैसा की इतिहास से पता चलता है भारत वर्ष की कई पवित्र नदियां कालांतर से अपनी पवित्रता के लिए जानी जाती हैं। जिसमें सरयू नदी का भी बहुत बड़ा महत्व है। इसके तट पर धार्मिक अनुष्ठान, जनेऊ संस्कार, यज्ञोपवित, चूड़ा संस्कार आदि का विशेष महत्व है। वैसे तो गंगा जमुना जैसी पवित्र नदियों ने एक अलग स्थान बना रखा है, पर सरयू नदी प्रभु श्रीराम के वनवास काल से लेकर उनकी अयोध्या वापसी तक साक्षी है।
पत्रकारों ने इस बात की जानकारी हासिल की, सरयू नदी को स्वच्छता का स्वरूप देने के लिए सरकार की क्या योजना है। स्थानीय लोगों से बात करने पर यह पता चला कि सरकार द्वारा अयोध्या नगरी को आध्यात्मिक रूप देने के लिए सरयू जल से भरी एक झील का निर्माण किया जाएगा। इसे क्रियान्वित करने के लिए रुड़की की संस्था को दिया गया है। यह झील लखनऊ गोरखपुर राजमार्ग के किनारो पर लगभग 1407 एकड़ भूमि पर बनेगी। इस झील का निर्माण और इसे सरयू नदी से जोड़ने के लिए राष्ट्रीय जल संस्थान रुड़की को शामिल किया गया है। 430 एकड़ भूमि में फैली झील परियोजना को अयोध्या नगरी कीम भीड़ को कम करने के उद्देश्य से इसकी परिकल्पना की गई है। उत्तर प्रदेश हाउसिंग बोर्ड का आवास एवं शहरी नियोजन विभाग भी इस नई परियोजना को क्रियान्वित करने में शामिल होगा। तदोपरांत दूसरे चरण में इसे 442 एकड़ तक बढ़ाया जाएगा।
आगामी 22 जनवरी 2024 को प्रस्तावित राम मंदिर के भव्य उद्घाटन समारोह से पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा ग्रीन फील्ड टाउनशिप परियोजना के आधारशिला रखने की संभावना है। नई टाउनशिप में 4.5 किलोमीटर के चार लिंक मार्ग बनाए जाएंगे जो इसे सरयू नदी से जोड़ने का काम करेंगे। इस ग्रीनफील्ड टाउनशिप में एक टावर बनाए जाने का भी प्रस्ताव है। जिस पर चढ़कर लोग राम मंदिर के दर्शन कर सकेंगे।
राज्य सरकार ने शहर में भीड़ भाड़ कम करने के उद्देश्य से इस परियोजना की परिकल्पना की है। क्योंकि राम मंदिर खुलने के बाद अयोध्या में राम भक्तों की संख्या कई गुना बढ़ जाएगी।