लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। गोमतीनगर विवेकखण्ड स्थित टीडी गर्ल्स इंटर कॉलेज में अपराधों पर नियंत्रण को लेकर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसका शुभारम्भ मां शारदे की मूर्ति पर माल्यार्पण कर किया गया। छात्रा सीमा यादव ने अपने विचार रखते हुए कहा कि ऐसा देखने को मिला है कि जेलों में बंद कई अपराधियों के बच्चों ने भी भटकाव के कारण जघन्य अपराध की घटना को अंजाम दिया है और बाद में वह भी जेल की सलाखों में बंद हो गये। यदि बच्चों को उचित शिक्षा दी जाय तो उन्हें उचित और अनुचित का ज्ञान होगा और वह इन अपराधों से दूरी रहेंगे। इससे अपराधों पर नियंत्रण भी पाया जा सकता है।
विद्यालय की प्रधानाचार्या लक्ष्मी सिंह ने कहा कि बच्चों को सही और गलत का ज्ञान हो जाए तो अपराध पर नियंत्रण किया जा सकता है। अक्सर यह देखने को मिलता है कि अपराध की घटना को अंजाम देने के बाद अपराधियों को बाद पछतावा होने लगता है और वह कहते हैं कि यह गलती मैंने जाने अंजाने में कर दी लेकिन तब काफी देर हो जाती है। उन्होंने बच्चों को अपराध और उससे होने वाले परिणाम के बारे में जागरूक करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि एक बच्चा जो स्कूल में पेंसिल चुराया था। धीरे-धीरे बड़ा हुआ और शातिर अपराधी बन गया। उसे फांसी की सजा हुई अंतिम इच्छा में उसने मां से मिलने की इच्छा जतायी। मां के कान में कुछ कहने के बहाने उसे अपने मुंह से मां का कान काट लिया। जिसपर मां ने उसे जोरदार थप्पड़ मारा। बेटे ने मां से कहा कि यह थप्पड़ मुझे उस समय मारा होता तो आज मुझे मृत्युदंड नहीं होता। इससे ज्ञात होता है कि माता पिता एंव स्कूल के टीचर्स को बच्चों का गलतियों पर ध्यान देना चाहिए। विद्यालय के प्रबंधक महादेव प्रसाद यादव ने कहा कि मोबाइल और टीवी पर प्रसारित नाटक से बच्चों में अपराध की प्रवृति बढ़ रही है। किसी भी अपराध का परिणाम बुरा ही होता है।