कानपुर (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। पहले दिन हुई पैनल चर्चा के दौरान दिन भर की दिलचस्प बातचीत, एक मनमोहक भरतनाट्यम प्रदर्शन, भावपूर्ण हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायन प्रदर्शन और बहुत उत्साहजनक और उल्लेखनीय ओपन माइक प्रदर्शन के बाद अक्षर 2023 ने अपने दूसरे दिन सोमवार को बहुत ही शानदार प्रदर्शनों के माध्यम से नई ऊंचाइयों को छुआ और हमारे देश के साहित्य, संस्कृति और परंपराओं की खोज की।
दिन की शुरुआत आईआईटी कानपुर परिसर के कलाकारों से बने जीशान अली ग्रुप के हर मायने में संपूर्ण कथक नृत्य प्रदर्शन के साथ हुई। उसके बाद “शादी में जरूर आना” फेम बॉलीवुड अभिनेत्री नयनी दीक्षित ने शिवानी की कहानियों को जीवंत रूप से सुनाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। दर्शक भावनात्मक रूप से प्रभावित हुए और शिवानी की कहानियों पर आधारित नयनी के शानदार अभिनय से आश्चर्यचकित रह गए।
आगे बढ़ते हुए, “आज के तकनीकी दौर में लेखन एवं प्रकाशन” विषय पर एक जीवंत चर्चा हुई। जिसमें राजकमल प्रकाशन लिमिटेड के अलिंद माहेरी, स्ख प्रकाशन के अनुराग वत्स, आईआईटी कानपुर के पूर्व छात्र और टेक्नोक्रेट बालकृष्ण बिड़ला और प्रशंसित लेखक और आलोचक आनंद कक्कड़ शामिल थे। इन बुद्धिजीवियों ने आज के समय में सोशल मीडिया और एआई, चैट जीपीटी आदि जैसी तकनीकी प्रगति के साथ लेखन और प्रकाशन में आने वाली चुनोतियों और अवसरों पर चर्चा की। चर्चा के बाद नमन सिंह, प्रखर पांडे, डॉ. देवानंद पाठक और हरीश झा द्वारा कबीर के भजनों के रूप में एक और दिव्य संगीतमय प्रस्तुति हुई। दर्शकों ने भक्ति संगीत और कलाकारों के सुंदर प्रदर्शन का आनंद लिया।
प्रसिद्ध बॉलीवुड, निर्माता, निर्देशक आर बाल्की, प्रसिद्ध फिल्म समीक्षक और विश्लेषक कोमल नाहटा और साहित्य प्रेमी और पॉसिबल एजुकेशन की सीईओ सुरभि मोदी द्वारा भारतीय सिनेमा में महिलाओं के चित्रण पर बातचीत में पिछले कुछ वर्षों में भारतीय सिनेमा में महिला पात्रों के बदलते चित्रण पर चर्चा हुई। चर्चा में स्वीकार किया गया कि हालांकि भूमिकाएं बदल गई हैं, लेकिन हमारे परिवार और समाज में महिलाओं की भूमिकाओं से जुड़ी रूढ़िवादिता से मुक्त होने की दिशा में बहुत काम किया जाना बाकी है।
दिन का समापन प्रसिद्ध कवि और लेखक अशोक चक्रधर और प्रसिद्ध कवयित्री भावना तिवारी के साथ विचारोत्तेजक बातचीत के साथ हुआ। बातचीत अशोक जी के जीवन और कार्यों तथा समाज और हमारे व्यक्तिगत जीवन में साहित्य की भूमिका के इर्द-गिर्द घूमती रही। कार्यक्रम का संचालन दिल्ली से आये साहित्यविद किशोर श्रीवास्तव ने किया। इसके साथ ही साथ आउटरीच सभागार के प्रांगण में लगे विशाल पुस्तक मेले का लोगों ने भरपूर आनंद लिया और बढ़ चढ़कर साहित्यिक एवं अन्य पुस्तकों की खरीदारी की।
धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अर्क वर्मा, सह-समन्वयक शिवानी केंद्र और प्रोफेसर- प्रभारी, राजभाषा प्रकोष्ठ, आईआईटी कानपुर ने दिया और लोगों से अक्षर के तीसरे दिन जो की शिवानी जन्मशती समारोह के रूप में मनाया जा रहा है, में भारी मात्रा में आकर भाग लेने का निवेदन किया।