नवाचार के व्यवसायीकरण का करें प्रयास : प्रो. जेपी पांडेय
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के इनोवेशन हब की ओर से इनोवेशन और इन्क्युबेशन केंद्रों को सशक्त बनाने के लिए आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला का शनिवार को उद्घाटन हुआ। प्रमुख सचिव प्राविधिक शिक्षा श्री एम देवराज ने इस कार्यशाला की परिकल्पना की है। इसमें 50 ऐसे लोग जो इन्क्युबेशन केंद्रों के प्रबंधक, निदेशक, सीईओ आदि भाग ले रहे हैं। कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कुलपति प्रो. जेपी पांडेय ने कहाकि यह कार्यशाला इन्क्युबेटर संगठनों, शेयरहोल्डर्स और लाभार्थियों के लिए धारा-8 विनियमों की आसान समझ विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान देगा। इससे न केवल इन्क्युबेटरों को वित्तीय और संचालन प्रबंधन विकसित करने में मदद मिलेगी बल्कि नियमों की भी जानकारी होगी।

उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला का मकसद सीएसआर अनुदान का लाभ उठाने और फंडिंग औपचारिकताओं, आपीआर, कंपनी कानूनों और कर छूट की जानकारी प्राप्त करना भी है। अब समय आ गया है कि नवाचार को पेटेंट तक सीमित नहीं रखना है बल्कि उनके व्यवसायीकरण का प्रयास करना होगा। सीएस प्रियंका मघवानी ने सेक्शन-8 कंपनी एन इनसाइट टू द कंपनी कम्प्लाएंसेस पर जानकारी दी। वहीं नोएडा से लेक्सगिन आइपी एलएलपी के मालिक डॉ. अमरीश चंद्रा ने बौद्धिक संपदा , अधिकार और पेंटेंट खोज और दाखिल प्रक्रिया की जानकारी साझा की। इस मौके पर डॉ. अनुज कुमार शर्मा, महीप सिंह, वंदना शर्मा, रितेश सक्सेना सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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