पूर्व उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने बताया श्रीराम चरित मानस को महाकाव्य
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। जय बजरंग सेना के तत्वावधान में मंगलवार को अन्तर्राष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान में श्रीराम चरित मानस को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित किए जाने की मांग को लेकर प्रादेशिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि डॉ मदन गोपालजी महाराज (श्रीकामदगिरि पीठम् अधिकारी श्रीकामतानाथ मन्दिर चित्रकूट), विशिष्ट अतिथि पूर्व उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा, अस्तुष्बरजी महाराज, बाबा महादेव, राधेश्याम नामदेव, महन्त योगेन्द्र दास, डा. मदन गोपाल दास जी, बजरंग सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय संगठन मंत्री ऋषि कुमार त्रिवेदी, संजय श्रीवास्तव, ओम शुक्ला, डा. आशीष गुप्ता सहित काफी संख्या में साधू संत, विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे। संगोष्ठी में मुख्य अतिथि डा. मदन गोपाल ने राम चरित मानस को मानव मर्यादित जीवन जीने की राह दिखाने वाला महाकाव्य बताते हुए कहा कि इसे राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित करने के लिए देशव्यापी हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। जिसके क्रम में आज प्रादेशिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें केंद्र सरकार से मांग की गई कि अयोध्या में नव निर्माण हो रहे राम मंदिर के द्वार रामभक्तो के लिए जिस दिन खुले उसी दिन श्रीराम चरित मानस को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित किया जाये। पूर्व उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा ने संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए श्री रामचरित मानस को महाकाव्य बताया और कहा कि श्रीरामचरित मानस मानव को श्रेष्ठ जीवन जीने की राह दिखाती है। उन्होंने जय बजरंग सेना के चलाये जा रहे श्रीराम चरित मानस को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित करने के हस्ताक्षर अभियान की सराहना करते हुये कहा कि इस महाकाव्य को राष्ट्रीय दर्जा मिलने से इसका अपमान करने वालों को सौ बार सोचना पड़ेगा। इस मौके जय बजरंग सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन उपाध्याय ने बताया कि श्रीराम चरित मानस को राष्ट्रीय ग्रन्थ घोषित करने के लिये चलाये जा रहे इस अभियान के माध्यम से हिन्दू समाज को एकजुट करने का भी काम किया जा रहा है। वहीं सेना के राष्ट्रीय संगठन मंत्री ऋषि कुमार त्रिवेदी ने बताया कि इस अभियान में तेजी लाने के लिये चित्रकूट स वाराणसी होते हुये अयोध्या तक श्रीराम चरित मानस यात्रा निकालने की तैयारी शुरू की जा रही है, ताकि इस अभियान से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जा सके।