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‘साहित्य शिल्पी सम्मान’ से नवाजे गए पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव

लोकप्रिय प्रशासक के साथ ख़्याति प्राप्त साहित्यकार, विचारक और ब्लॉगर भी हैं कृष्ण कुमार यादव

वाराणसी (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। चर्चित ब्लॉगर और साहित्यकार एवं सम्प्रति वाराणसी परिक्षेत्र के पोस्टमास्टर जनरल कृष्ण कुमार यादव को विशिष्ट कृतित्व, रचनाधर्मिता और प्रशासन के साथ-साथ सतत् साहित्य सृजनशीलता हेतु सिक्किम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने ‘साहित्य शिल्पी सम्मान’ से सम्मानित किया। राष्ट्रीय मासिक पत्रिका ‘सच की दस्तक’ द्वारा पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर में आयोजित सम्मान समारोह में 28 अगस्त को उक्त सम्मान प्रदान किया गया। बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी कृष्ण कुमार यादव की विभिन्न विधाओं में सात पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। देश-विदेश की तमाम पत्र-पत्रिकाओं और इण्टरनेट पर निरंतर प्रकाशन के साथ आकाशवाणी व दूरदर्शन से भी विभिन्न विधाओं में आपकी सृजनात्मकता का प्रसारण होता रहता है। आपके कृतित्व पर एक पुस्तक ‘बढ़ते चरण शिखर की ओर : कृष्ण कुमार यादव’ भी प्रकाशित हो चुकी है। 

गौरतलब है कि कृष्ण कुमार यादव लोकप्रिय प्रशासक के साथ ही सामाजिक, साहित्यिक और समसामयिक मुद्दों से सम्बंधित विषयों पर प्रमुखता से लेखन करने वाले साहित्यकार, विचारक और ब्लॉगर भी हैं। देश-विदेश में विभिन्न प्रतिष्ठित सामाजिक-साहित्यिक संस्थाओं द्वारा आपको शताधिक सम्मान और मानद उपाधियाँ प्राप्त हैं। उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा ’’अवध सम्मान’’, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरीनाथ त्रिपाठी द्वारा ’’साहित्य-सम्मान’’, छत्तीसगढ़ के राज्यपाल शेखर दत्त द्वारा ’’विज्ञान परिषद शताब्दी सम्मान’’ से विभूषित कृष्ण कुमार यादव को अंतर्राष्ट्रीय ब्लॉगर्स सम्मेलन, नेपाल, भूटान और श्रीलंका में भी सम्मानित किया जा चुका है। विभागीय दायित्वों और हिन्दी के प्रचार-प्रसार के क्रम में अब तक श्री यादव लंदन, फ़्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड, दक्षिण कोरिया, भूटान, श्रीलंका, नेपाल जैसे देशों की यात्रा कर चुके हैं। 

इनके परिवार को यह गौरव प्राप्त है कि साहित्य में तीन पीढ़ियाँ सक्रिय हैं। पिता राम शिव मूर्ति यादव के साथ-साथ पत्नी आकांक्षा भी चर्चित ब्लॉगर और साहित्यकार हैं। वहीं बड़ी बेटी अक्षिता (पाखी) अपनी उपलब्धियों हेतु भारत सरकार द्वारा सबसे कम उम्र में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित हैं। इस अवसर पर प्रो. गोपबन्धु मिश्र, पूर्व कुलपति श्री सोमनाथ संस्कृत विश्वविद्यालय, गुजरात, प्रो. प्रेम नारायण सिंह, निदेशक, अन्तर विश्वविद्यालय, अध्यापक शिक्षा केन्द्र (बी.एच.यू.), वाराणसी, डॉ. नागेन्द्र सिंह, महामना मदन मोहन मालवीय हिन्दी पत्रकारिता संस्थान, श्री रमेश जायसवाल, विधायक, पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर सहित तमाम गणमान्य जन उपस्थित रहे।