मेरी माटी मेरा देश अभियान के तहत हुआ कार्यक्रम
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। केंद्रीय संचार ब्यूरो और पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) लखनऊ के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए मेरी माटी मेरा देश अभियान के तहत हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मौजूद जीएसआई के राजभाषा निदेशक ओम प्रकाश ने कहा कि हिंदीभाषी क्षेत्र में होने की वजह से सारे पत्राचार हिंदी में किए जाने चाहिए। संसद की राजभाषा समिति कार्यालयों में हिंदी से जुड़े कार्यों का बारीकी से निरीक्षण करती है। इसलिए सारी जानकारियां और आंकड़े सही और समय पर भरे जाने चाहिए। उन्होंने कहाकि सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को नियमित अंतराल पर हिंदी से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पीआईबी और सीबीसी के अपर महानिदेशक विजय कुमार ने की। कार्यशाला की शुरुआत में अपर महानिदेशक ने प्रतिभागियों को आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत मेरी माटी मेरा देश से जुड़ी शपथ दिलाई। कार्यशाला का आयोजन केंद्रीय संचार ब्यूरो कार्यालय लखनऊ के निदेशक मनोज कुमार वर्मा ने निर्देशों पर हुआ। उन्होंने कार्यशाला के बारे में बताते हुए कहा कि हमारा प्रयास है राज्य के अलग अलग जिलों में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के जितने भी कार्यालय हैं वहां शत प्रतिशत काम हिंदी में हो। इसीलिए आंचलिक कार्यालय सहित राज्य के अलग अलग हिस्सों से आए अधिकारियों और कर्मचारियों ने कार्यशाला में हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में बतौर विशेष अतिथि मौजूद डॉ. रमेश यादव ने कहा कि हिंदी हमारी कामकाज की भाषा है। जनता इसे पढ़ती, समझती व बोलती है, इसलिए इसका मानकीकरण कर इसे संचार के तौर पर प्रयोग करते हुए राजभाषा बनाया गया। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारे स्वाभिमान और गर्व की भाषा है लेकिन हमें देखना होगा कि हिंदी के प्रयोग को लेकर हम कहां पीछे रहे हैं। साथ ही इस बात का अभी चिंतन होना चाहिए कि राजभाषा हिंदी के प्रयोग एवं उपयोग का विस्तार कैसे किया जाए।
वहीं पीआईबी के उप निदेशक एमएस यादव ने हिंदी में काम करने के लिए आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर जोर दिया। उन्होंने सचेत करते हुए कहा कि तकनीक का इस्तेमाल करते वक्त भी वर्तनी और व्याकरण का विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ लेखाधिकारी मनमोहन गुप्ता, लेखाधिकारी मनीषा अग्रवाल, प्रशासनिक अधिकारी मोनिका शर्मा, क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी जय सिंह, मीडिया एवं संचार अधिकारी सुंदरम चौरसिया सहित केंद्रीय संचार ब्यूरो, पीआईबी, प्रकाशन विभाग के सभी अधिकारी और कर्मचारी शामिल रहे।