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शिलान्यास होने के 12 साल बाद भी नहीं बन सकी श्मशान की बाउंड्री, अब हो रहा कब्जा

18.5 लाख की लागत से होना था श्मशान घाट की बाउंड्रीवाल

तत्कालीन नगर विकास मंत्री नकुल दुबे ने किया था श्मशान घाट के बाउंड्रीवाल का शिलान्यास

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। इंदिरानगर प्रियदर्शनी वार्ड के अंतर्गत आने वाले सुग्गामऊ गांव के श्मशान घाट की जमीन पर कथित भूमाफियाओं की नजर 15 साल पहले से है। जमीन की बढ़ती कीमतों के बीच जब कुछ लोगों ने इस श्मशान घाट की जमीन पर कब्जा जमाना शुरु किया था। तब गांव वालों ने इसके खिलाफ आवाज उठाया था। मद्देनजर तत्कालीन नगर विकास मंत्री नकुल दुबे ने करोड़ो के इस जमीन को सुरक्षित करने का निर्णय लिया था। लिहाजा उन्होंने श्मशान घाट की जमीन की बाउंड्रीवाल का 19 जनवरी 2011 को शिलान्यास किया। जिसका शिलापट्ट आज भी यहां मौजूद है।
सुग्गामऊ निवासी राम सिंह लोधी सहित गांव के अन्य लोगों ने बताया कि नगर निगम की ओर से श्माशान घाट की बाउंड्रीवाल कराने के लिए 18 लाख 50 हजार का बजट आवंटित किया गया था। लेकिन नगर निगम के तत्कालीन अधिकारियों ने इस पैसा का बंदरबांट कर लिया। 18 लाख 50 हजार रुपये का फंट आवंटित होने के बावजूद नगर निगम ने यहां बाउंड्रीवाल के लिए एक ईंट तक नहीं रखी। गांव के लोगों का कहना है कि फंट मिलने के बाद भी नगर निगम ने बाउंड्रीवाल का निर्माण नहीं कराया। इसका नतीजा आज गांव के लोगों को भुगतना पड़ रहा है। सुग्गामऊ गांव के श्मशान घाट की जमीन जिसका खसरा संख्या 538स रकबा 0.5120 हेक्टेयर व खसरा संख्या 538स रकबा 0.0130 हेक्टेयर (मुर्दा जानवरों की खाल निकालने का स्थान) राजस्व अभिलेखों में दर्ज है। वर्ष 2011 में ही श्मशान घाट की इस जमीन को सुरक्षित कर बाउंड्रीवाल कर दिया गया होता तो आज इस पर कब्जा न होता।