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सुएज इंडिया का दावा, नालियों का सीवर से जुड़े होना जलभराव की मुख्य समस्या

(शम्भू शरण वर्मा)

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। यूपी के कई जनपदों में बारिश कहर बरपा रही है और नदियों की उफान के चलते सड़के नदियां बन गई है। वहीं लखनऊ में जिम्मदारों की लापरवाही के चलते थोड़ी सी बारिश में भीषण जलभराव हो रहा है। कहीं सीवर उफनाने तो कहीं नाले नालियाँ चोक होने से मुसीबतें बढ़ गई है। वहीं सीवर सफाई व मेंटेनेंस का कार्य देख रही सुएज इंडिया के मुताबिक शहर के ज्यादातर इलाकों में सीवर चोक की समस्या का मुख्य कारण नालियों का सीवर से जुड़ा होना है। उनका दावा है कि शहर में नगर निगम एवं नगर विकास के अंतर्गत ‘वन सिटी वन ऑपरेटर’ स्कीम के तहत कार्य देख रही सुएज इंडिया ने इस समस्या को चिन्हित करते हुए अपनी एक इमरजेंसी रिस्पांस टीम का गठन किया है। कंपनी का मुख्य कार्य एसटीपी एवं सीवेज पम्पिंग स्टेशन का रख रखाव करना एवं शहर के सीवर की सफ़ाई एवं क्षतिग्रस्त मैनहोल के ढक्कन बदलना एवं चैम्बर एवं सीवर लाइन रिपेयर करना है।

अधिकारियों का दावा है कि सुएज़ के पास हैंड ग्रैबर, सुपर सकर मशीनें, जेटिंग मशीनें, इमरजेंसी व्हीकिल, ट्रैक्टर सक्शन मशीनें, पंप्स, रोडिंग मशीन, मिनी जेटिंग मशीन, ट्रेक्टर जेटिंग, मैकेनिकल ग्रैबर एवं रोबोट है जिससे शहर के छह ज़ोन की सीवर की सफ़ाई होती है। जबकि हकीकत में लखनऊ के लगभग हर इलाके में सीवर जाम की समस्या के चलते लोगो को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। संसाधनों व सफाईकर्मियों के अभाव में सीवर जाम की समस्या बनी हुई है।

वहीं सुएज इंडिया के ऑपरेशंस मैनेजर अश्वनी डोगरा ने बताया, “जलभराव की मुख्य समस्या तब होती है जब नालियां सीवर प्रणाली से जुड़ी होती हैं। अधिकतर मामलों में अवरुद्ध सीवर, अधूरे निर्माण और नियमित सफाई की कमी के कारण होते यह समस्याएं बनी हुई हैं। इस समस्या से निपटने के लिए स्वेज इंडिया ने एक टीम बनाई है जो आपात स्थिति में तुरंत प्रतिक्रिया दे सकती है। सीवर लाइनों को प्रभावी ढंग से साफ करने के लिए उनके पास विभिन्न उपकरण हैं। सुएज इंडिया लखनऊ के नागरिकों को तुरंत समाधान उपलब्ध कराने के लिए समर्पित है।”

मॉनसून से पहले सुएज ने 72 हॉटस्पॉट को चिन्हित किया था जहाँ पर ज्यादातर जलभराव की समस्या रहती थी| उन चिन्हित स्थानों को सुएज़ ने मशीनो के माध्यम से साफ़ करवाया ताकि वहां पर किसी भी प्रकार की समस्या न हो। इन सबके अलावा सुएज ने मानसून के लिए एक इमरजेंसी टीम को गठित किया है जिसका कार्य आपातकालीन समस्याओ का त्वरित निस्तारण करना है। सुएज इंडिया की टीम इस समय दिन रात इस कार्य में लगी हुई है।

अधिकारियो का दावा है कि बीएन वर्मा रोड पर सीवर लाइन क्षतिग्रस्त थी जिसकी मरम्मत का कार्य सुएज इंडिया की टीम ने कर दिया है। इसके अलावा पार्षदों एवं जनता की शिकायतों का भी समय पर निवारण किया जाता है। भारी बारिश के चलते, जहाँ पर भी सीवर उफननें की समस्या होती है, वहाँ सुएज़ की इमरजेंसी टीम द्वारा पाया गया कि उन चिन्हित क्षेत्रों में नालियों का निर्माण नहीं हुआ है और यदि हुआ है तो नालियों की सफ़ाई न होने के कारण सीवर से जुड़े होने से जलभराव की समस्या बढ़ रही है। ऐसे में सुएज़ की इमरजेंसी टीम उन जगहों पर पम्प लगाकर पानी हटवाती है और फिर सीवर से कूड़ा निकलवाती है। वहीं अधिकांश पार्षदों का कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद सुएज इंडिया द्वारा सीवर की सफाई नहीं कराई जाती है।

अमीनाबाद, ऐशबाग़, अलीगंज, कंघी वाली गली, यहियागंज एवं सभी इलाक़े जहां सक्रिय गलियाँ हैं वहाँ सीवर नाली से जुड़े होने के कारण बारिश का पानी उफ़नाने से जलभराव होने लगता है। सुएज़ की इमरजेंसी टीम ने पाया की सभी जलभराव वाले इलाक़ों में लोगों ने नालियों के ऊपर अतिक्रमण करके घरों के रैम्प का निर्माण किया है, अमीनाबाद में लोगों ने नालियों में बोतल, पत्तल, प्लास्टिक फेंक कर नालियों को गंदा करके रखा है जिसकी वजह से नालियों में सिल्ट जमा है। सुएज़ ने रेडियो, पोस्टर के माध्यम से समय समय पर जानता को नाले नालियों में कूड़ा न फेंकने के लिए जागरूक किया है।

केंद्रीय सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण इंजीनियरिंग संगठन के मैन्युअल के हिसाब से बरसात के पानी की निकासी का माध्यम सीवर नहीं नालियाँ हैं जिनका शहर में निर्माण ठीक से नहीं है ख़ास करके उन इलाक़ों में जहां ज़मीनी स्तर निचले होने के कारण कई समस्यायें और हैं, बारिश के समय पर ख़राब ड्रेनेज के कारण जल निकासी का कोई माध्यम नहीं रहता। 60-70 वर्ष पुरानी छोटी लाइनों में बड़ी प्रेशर मशीनों को लगाने से सीवर के क्षतिग्रस्त होने की समस्या भी उत्पन्न होती है अतः इस समस्या का निवारण एक ही निकलता है कि सीवर को नालियों से अलग कर दिया जाए। नालियों को सीवर से जोड़कर बारिश के पानी की निकासी बंद करना होगा नहीं तो बारिश में सीवर उफननें की समस्या बनी रहेगी।