अवध संध्या के अंतर्गत ‘अंतर्द्वंद्व’ का मंचन
लखनऊ। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी और सरदार पटेल गुरुकुल अकादमी, बक्शी का तालाब के तत्वावधान में अवध संध्या के अंतर्गत मदर सेवा संस्थान की एकल नाट्य प्रस्तुति “अंतर्द्वंद्व” का मंचन पटेल सभागार में हुआ। नाटक की परिकल्पना, लेखन, निर्देशन स्वयं अभिनेता महेश चंद्र देवा का रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ निदेशक प्रबंधक रश्मि सिंह, प्रधानाचार्या रूपल जैन और युवा अभिनेता यशराज चौरसिया ने किया।
एकल नाट्य कृति में दिखाया गया कि भगत नाम का व्यक्ति जो एक सीधा साधा गांव से शहर आया लेकिन विचारों के बीच में अंतर्द्वंद्व में फंसा होता है। एक तरफ जहां वह भगत सिंह की विचारधारा में समाज को बदलने की मुहिम को लेकर चलता है तो दूसरी तरफ व्यवस्था और लोगों के ताने-बाने में इस तरह उलझ जाता है कि भगत व्यवस्था का एक छोटा सा मोहरा बन जाता है।
नाटक में भगत सिंह के विचारों को मंच पर दिखाने का प्रयास है। बहुत साफगोई से समाज के छोटे-छोटे बिंदुओं को समेटने का भी प्रयास भी है। वह उन्हीं विचारों के अंतर्द्वंद्व में घिर जाता है कि हम कहां हैं? हम बदलें या बदल दें?

नाटक ऐसे मोड़ पर खड़ा हो जाता है कि वह खुद ही दर्शकों में सवाल खड़ा करता है कि आपको क्या करना चाहिए? समय परिस्थितियों को देखते हुए व्यक्ति व्यक्तिवादी होता जा रहा है। वह मानवीय संवेदनाएं, मूल्यों को दरकिनार करता जा रहा है।
इसके पूर्व विद्यालय के नन्हें- मुन्ने बच्चों ने मनमोहक अंदाज से नृत्य प्रतियोगिता पर खूब तालियाँ बटोरी। ग्रेंड फिनाले में दृष्टि प्रथम, आरुष द्वितीय, नैनसी तृतीय पर स्थान पर रहीं। कनिष्क, दितया, आराध्या, अनुष्का, सिया, भाव्या, दीक्षा आदि बच्चों ने भाग लिया।
अतिथि यशराज ने बच्चों को पुरस्कृत किया। परोक्ष में मंच संचालन अंशिका चौरसिया, रंगदीपन अमन, संगीत संचालन श्रीकांत गौतम, रूपसज्जा सैफ, वेशभूषा ऋतिक शाक्य मंच निर्माण व सामग्री मो.सैफ व श्रीकांत और प्रस्तुति नियंत्रण किरन लता का रहा।
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