सूर्योदयः- प्रातः 06:47:00
सूर्यास्तः- सायः 05:13:00
विशेषः- गुरूवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है ।
विक्रम संवतः- 2079
शक संवतः- 1944
आयनः- दक्षिणायन
ऋतुः- शीत ऋतु
मासः- पौष माह
पक्षः- कृष्ण पक्ष
तिथिः- चतुर्दशी तिथि 19:14:45तक तदोपरान्त अमावस्या तिथि
तिथि स्वामीः- चतुर्दशी तिथि के स्वामी भगवान शिव जी हैं तथा अमावस्या तिथि के स्वामी पित्रदेव जी हैं।
नक्षत्रः- ज्येष्ठा 28:03:00 तक तदोपरान्त मूल
नक्षत्र स्वामीः- ज्येष्ठा के स्वामी बुध जी हैं तथा मूल नक्षत्र के स्वामी केतु जी हैं।
योगः- शूल 17:42:00 तक तदोपरान्त गंड
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 09:44:00A.M से 11:02:00A.M तक
दिशाशूलः- गुरूवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकलें।
राहुकालः- राहुकाल 01:36:00 P.M से 02:54:00P.M तक
तिथि का महत्वः- इस तिथि में तिल का तेल तथा कांसे के पात्र में भोजन करना मना है तथा इस तिथि को रिक्ता तिथि भी कहा गया है इसलिए कोई नया कार्य और मांगलिक करना करना वर्जित है।
“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्ट बनाये रखना।”
Astrologer Dr. Trilokinath
1- Shivani Plaza, Kapoorthala, Aliganj, Lucknow 12:30 P.M to 07:30 PM
Mob. – 9454112513 / 9335763882 / 7007734801