Wednesday , November 5 2025

पंच कोष आधारित तीन दिवसीय आवासीय कार्यशाला का आगाज

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, अवध प्रांत द्वारा पंचकोश आधारित चरित्र निर्माण तथा व्यक्तित्व के समग्र विकास विषय पर तीन दिवसीय आवासीय आत्मबोधन कार्यशाला का शुभारंभ बुधवार को ज्ञान गुरुकुलम् के सभागार में हुआ। कार्यक्रम में अवध प्रांत के विभिन्न जनपदों से पधारे लगभग 30 साधकों ने भाग लिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। अतिथियों का स्वागत एवं कार्यशाला का परिचय न्यास के प्रांत संयोजक प्रमिल द्विवेदी ने प्रस्तुत किया।

प्रथम दिवस के मुख्य सत्र में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के प्रांत संयोजक एवं विषय विशेषज्ञ ज्ञान पांडेय ने प्रतिभागियों को तैत्तिरीयोपनिषद एवं पतंजलि योगसूत्र पर आधारित पंचकोश साधना का परिचय कराया। उन्होंने मानव व्यक्तित्व के पांच कोष अन्नमय, प्राणमय, मनोमय, विज्ञानमय एवं आनंदमय तथा तीन शरीर स्थूल, सूक्ष्म और कारण शरीर का विस्तृत विवेचन किया। साथ ही सप्त चक्रों के महत्व पर भी प्रकाश डालते हुए बताया कि इनका संतुलन एवं उर्जन जीवन में आत्मविकास, स्वास्थ्य एवं सकारात्मकता का आधार है।

ज्ञान पांडेय ने अपने 7-बिंदु एजेंडा में मार्गदर्शन दिया। जिसमें पंचकोश की आवश्यकता एवं साधना, शरीर के सप्त चक्र एवं एंडोक्राइन ग्रंथियों का संबंध, चार प्रमुख जीवन-हार्मोन्स, योग, ध्यान एवं न्यूरोप्लास्टिसिटी, प्रश्न–उत्तर एवं जिज्ञासा समाधान शामिल है।

उन्होंने कहा कि पंचकोशों में असंतुलन युवाओं को नशाखोरी, तनाव, अवसाद एवं व्यसनों की ओर ले जाता है, जिसके गंभीर परिणाम समाज के सामने हैं। युवा वर्ग में स्क्रीन व्यसन की 80% तक वृद्धि और छात्र आत्महत्या व सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली लगभग 4,61,312 वार्षिक मौतें इस स्थिति की गंभीरता दर्शाती हैं।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि स्वस्थ, संस्कारित एवं आत्मनिर्भर युवा ही विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को साकार कर सकते हैं। वर्तमान जीवनशैली से उत्पन्न मोटापा, टाइप-2 डायबिटीज एवं हृदय रोग भी चिंता के विषय हैं, जिन्हें योग, ध्यान और मूल्याधारित जीवन से दूर किया जा सकता है।

कार्यक्रम के प्रथम दिवस का समापन आभार वक्तव्य एवं कल्याण मंत्र के साथ हुआ। प्रतिभागियों ने सत्र को अत्यंत ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायी बताया। आगामी दिनों में विषय की गहरी साधना एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।