लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। दुर्गा स्वरूपा फाउंडेशन द्वारा रविवार को उर्दू अकादमी में आयोजित समारोह में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली विभूतियों को दुर्गा स्वरूपा सम्मान से सम्मानित किया गया।

बतौर मुख्य अतिथि मौजूद उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, विशिष्ठ अतिथि नम्रता पाठक, बिन्दु बोरा ने दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। साथ ही उन्होंने सभी विभूतियों को स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ भेंटकर सम्मानित किया। इस दौरान फाउंडेशन की सचिव रागिनी श्रीवास्तव, भाजपा लखनऊ महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, भाजपा मंडल अध्यक्ष रीना चौरसिया, सेलिब्रिटी गेस्ट रोनी शाह भी मौजूद रहे।

डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने कहाकि दुर्गा स्वरूपा फाउंडेशन उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित कर उन्हें प्लेटफार्म उपलब्ध करा रहा है। उन्होंने सम्मानित होने वाली विभूतियों को बधाई देते हुए कहा कि इन विभूतियों ने अपने दम पर मुकाम हासिल कर समाज में अपनी अलग पहचान बनाई है।

सम्मानित होने वालों में साहित्य क्षेत्र से विद्या बिंदु सिंह, प्रो. सुरेंद्र विक्रम, नवल कांत सिन्हा, अंबरीन जै़दी (सैन्य लेखिका), खेल क्षेत्र से सैयद अली (हॉकी खिलाड़ी), उमेश प्रसाद (तैराक), सुनील चंद्र जोशी (टेबल टेनिस खिलाड़ी), रचना गोविल (एथलीट), कला व संस्कृति से सुनीता झिंगरान (गायिका), फरहाना फातिमा (अभिनेत्री एवं नृत्यांगना), संजोली पांडे (लोकगायिका), पद्मश्री नसीम बानो (चिकनकारी कलाकार), सामाजिक कार्य से अमित अग्रवाल शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, दुर्गा स्वरूपा बिजनेस एक्सीलेंस अवार्ड से 9 युवा उद्यमियों को सम्मानित किया गया। जबकि 5 गरीब व जरूरतमंद व्यक्तियों को आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई।

दुर्गा स्वरूपा फाउंडेशन की सचिव रागिनी श्रीवास्तव ने बताया कि दुर्गा स्वरूपा गुरु सम्मान समर्पित शिक्षकों को और दुर्गा स्वरूपा छात्र शौर्य सम्मान दसवीं कक्षा के उन छात्रों को दिया गया जिन्होंने उल्लेखनीय प्रदर्शन किया।
समारोह के सफल आयोजन में सचिव रागिनी श्रीवास्तव के साथ प्रशांत सिंह, विजय लक्ष्मी श्रीवास्तव, शताक्षी, विवेक बदलानी, राजेश कुमार तिवारी, अक्षय अग्रवाल, दीप्ति अग्रवाल, प्रतिमा सोनकर, पदम् दीक्षित और तुषार श्रीवास्तव ने अहम भूमिका निभाई।
फाउंडेशन की सचिव रागिनी श्रीवास्तव ने बताया कि दुर्गा स्वरूपा फाउंडेशन की स्थापना का एक उद्देश्य यह भी रहा है कि हम समाज में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रतिभाशाली व्यक्तित्वों को पहचान दें, उन्हें सम्मानित करें और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्वरूप प्रस्तुत करें। आज का यह कार्यक्रम हमें उस भारतीय परंपरा की याद दिलाता है, जहाँ समाज अपने नायकों का सम्मान करता है। यह सम्मान केवल व्यक्तियों का नहीं, बल्कि उस विचारधारा, उस परिश्रम और उस समर्पण का है जो उन्होंने समाज के हित में किया।