Sunday , September 14 2025

हिंदी है मेरी पहचान

हिन्दी भाषा है मेरा अभिमान
हिंदी मे ही बसती है मेरी जान
उसकी महिमा है महान

पहला शब्द मुख से जब निकला
हिंदी का ही वो मां कहलाया
इसकी मधुर मिठास से
कानो मे मिस्री घुल घुल जाये

गर्व हमे इस बात का है
हिंदी हमारी मातृभाषा कहलाये

क्यों बनी हुई है ये
आज उपेक्षित सी
आज की पीढी क्यो समझे
हिंदी को पिछड़ी हुई

आधुनिकता की आड मे
युवा पीढ़ी हो रही भ्रमित
अंग्रेजी बोलने मे समझती है
ये अपनी शान
हिंदी बोलने मे जैसे
होता है इनका अपमान

क्या सिखलायेगे ये अपनी
आने वाली पीढी को
जब खुद ही इनको
हिंदी का ज्ञान नही
करो हर भाषा का तुम सम्मान
पर हिंदी बोलने को तुम समझो
अपना मान और सम्मान


संध्या श्रीवास्तव