Wednesday , May 14 2025

मां

मां पर भला कब कौन लिख पाया है
अहमियत उनकी तब ही पता चली
जब खुद को उनके किरदार में पाया है
मां अनपढ हो या पढी लिखी
अपने बच्चो की वो प्रोफेसर है
जो उसने पढाया है
वो भला किसी किताब में कहां मिल पाया है
सबसे पहले पूजे जाने वाले गजानन ने भी
मां को ही सम्पूर्ण सृष्टि बतलाया है
बेटों के संग तो हमेशा रही है जीवनदायनी मां
पर बेटियों ने तो दो दो मांओ को अपनाया है
जिसने जीवन दिया उससे ज्यादा जीवन साथी की मां का साथ निभाया है
जब जरूरत पड़ी एक साथ दोनो मांओ को
तब पहले जीवन साथी की मां का साथ निभाया है
क्यो कि ये संस्कार जीवन देने वाली मां से पाया है
पर अपने बच्चो के लिए हर रिश्ते से ऊपर
पहले खुद मां होने का फर्ज निभाया है
जब लिखने के लिए मां पर मैने कागज कलम उठाया है
तब मैने खुद को शब्द विहीन पाया है


संध्या श्रीवास्तव