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बिना थके, बिना रुके, बिना डिगे, निरंतर जारी रहेगी यूपी की सफल यात्रा : सीएम योगी

  • जिनका एजेंडा विकास नहीं था, उन्होंने उत्तर प्रदेश के बारे में अपने एजेंडे को जबरन थोपने का काम कियाः सीएम
  • 2017 से पहले सत्ता का संचालन करने वाले लोग हर स्कीम को फेल करने में अपनी पूरी ताकत लगा देते थेः मुख्यमंत्री
  • सत्ताधारियों ने माफिया के सामने टेक दिए थे घुटने, माफिया के इशारे पर चलती थीं सरकारेंः योगी आदित्यनाथ

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों को आश्वस्त किया है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने विगत 8 वर्ष में प्रधानमंत्री मोदी के विजन के अनुरूप मजबूती के साथ सफलता की ओर कदम बढ़ाए हैं। बिना रुके, बिना थके, बिना डिगे यह यात्रा अनवरत जारी रहेगी।

सीएम योगी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश में एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा नेटवर्क है। सर्वाधिक मेट्रो का संचालन उत्तर प्रदेश कर रहा है। रेलवे का सबसे बड़ा नेटवर्क यूपी के पास है। देश की पहली रैपिड रेल यूपी में चल रही है और देश का पहला इनलैंड वॉटरवेज यूपी में है। भारत सरकार द्वारा संचालित 45 से अधिक स्कीम को उत्तर प्रदेश लीड करता है। यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है और नया उत्तर प्रदेश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को जमीनी धरातल पर उतार कर अपने सामर्थ्य को देशवासियों के सामने रख रहा है।

निजी टीवी चैनल लाइव टाइम्स के कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश जो 2017 में सातवीं अर्थव्यवस्था था, आज देश की नंबर दो अर्थव्यवस्था बन चुका है। 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनने के लिए उत्तर प्रदेश ने जो कदम बढ़ाए हैं उसको आगे बढ़ाते हुए हम मानकर चलते हैं कि 2029 में उत्तर प्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनेगा और उत्तर प्रदेश देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में अपने आप को स्थापित करेगा।

2014 से पहले पहचान के संकट से जूझ रहा था प्रदेश


मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत की आबादी का सबसे बड़ा राज्य है और देश का हृदय स्थल भी है। भारत की आत्मा उत्तर प्रदेश में निवास करती है, लेकिन जिन लोगों का एजेंडा विकास नहीं था, जिन लोगों ने उत्तर प्रदेश की इस आत्मा को पहचानने का कभी प्रयास नहीं किया वह लोग उत्तर प्रदेश के बारे में अपने एजेंडे को जबरन उत्तर प्रदेश पर थोपते थे। इसके चलते उत्तर प्रदेश जो व्यापक संभावनाओं वाला प्रदेश था वह 2014 के पहले पहचान के संकट से गुजर रहा था। नौजवान पहचान के लिए मोहताज हो गया, अन्नदाता किसान आत्महत्या के लिए मजबूर हो गया, यहां का श्रमिक भुखमरी का शिकार हो गया, बेटी और व्यापारी दोनों की सुरक्षा में सेंध लग चुकी थी, पर्व और त्योहार दहशत के माहौल में मनाने को मजबूर होना पड़ता था।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश की पहचान एक सामर्थ्यवान और असीम संभावनाओं वाले प्रदेश के रूप में नहीं बल्कि एक बीमारू राज्य के रूप में होने लगी। 2017 से पहले सत्ता का संचालन करने वाले लोग चाहते ही नहीं थे कि उत्तर प्रदेश का कुछ हो। वह हर एक मामले में स्कीम को फेल करने में अपनी पूरी ताकत लगा देते थे। केंद्र में जो स्कीम बनती थी वह उत्तर प्रदेश में आकर फेल हो जाती थी।

लोगों को जातीय खेमों में नहीं बांटते


मुख्यमंत्री ने कहा कि 2017 में जब प्रधानमंत्री मोदी जी के आह्वान पर उत्तर प्रदेश वासियों ने भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में मतदान किया और नई सरकार का गठन किया तब से प्रदेश की सफलता की यह यात्रा जारी है। हमारी सरकार उत्तर प्रदेश में 56 लाख गरीबों के लिए एक-एक आवास बना चुकी है। यह जो गरीब हैं उनमें दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक और अन्य जातियों के लोग भी हैं। हम उनको जातीय खेमों में नहीं बांटते। हमारे लिए वह हमारा नागरिक है और उसकी खुशहाली हमारी खुशहाली है। इस भाव के साथ प्रधानमंत्री के सबका साथ सबका विकास के मंत्र को लेकर हमने काम किया। इसके चलते लोगों के मन में विश्वास पैदा हुआ, जिसका परिणाम है कि हर सेक्टर में बदलाव देखने को मिल रहा है।

सीएम ने कहा कि किसानों की कर्ज माफी के कार्यक्रम को आगे बढ़ाया, हर गरीब को राशन कार्ड मिले यह भी व्यवस्था की, केंद्र और राज्य सरकार की स्कीम को समान रूप से प्रदेश के अंदर हर एक तबके तक पहुंचाने का भी काम किया, कानून व्यवस्था को बेहतर करने का भी काम किया और साथ-साथ उत्तर प्रदेश की पहचान से जुड़े मुद्दों को भी आगे बढ़ाने का काम किया। मुसहर, कोल, सहरिया, बुक्सा, थारू जैसे ट्राईबल को आजादी के बाद भी उनका हक नहीं मिला था। जमीन के पट्टे तक नहीं हुए थे, बहुत सारी जगह नागरिकता नहीं थी, आवास की कोई सुविधा नहीं थी, राशन कार्ड भी नहीं थे। आज सरकार ने इन्हें सभी प्रकार की योजनाओं से आच्छादित किया है।

स्वाभिमान का प्रतीक है ओडीओपी


सीएम ने कहा कि पिछली सरकारों की उपेक्षा के कारण उत्तर प्रदेश में एमएसएमई सेक्टर बंद सा हो गया था। हमने 2018 में उत्तर प्रदेश के परंपरागत उत्पादों को वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के रूप में पहचान दी। आज पूरे देश के अंदर वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट छाया हुआ है। यह स्वदेशी और स्वाभिमान का प्रतीक बन चुका है। 2017 के पहले चीन का जो प्रोडक्ट दिवाली और अन्य पर्व पर हमारे मार्केट में छा जाता था, लेकिन आज वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट को लोग गिफ्ट के रूप में देते हैं। हमारा हस्तशिल्प, हमारा कारीगर मुनाफा कमाता है। देश का पैसा देश में ही लगता है। नए रोजगार का सृजन भी होता है। 2020 में जब कोरोना महामारी आई तो उत्तर प्रदेश पहला राज्य था जिसने अपने 40 लाख से अधिक कारीगरों और कामगारों के लिए एमएसएमई यूनिट के द्वार खोले। आज हर तबके के व्यक्ति को उसके अनुरूप यहां काम भी मिला है और व्यापक रोजगार भी मिला है।

दंगा मुक्त, माफिया मुक्त हुआ उत्तर प्रदेश


मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले दिन से सरकार ने तय किया कि अपराध और अपराधियों के प्रति, भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत काम करेगी। आज परिणाम सबके सामने है। हर व्यक्ति आज अपने आप को सुरक्षित महसूस करता है और 2017 से पहले पर्व और त्यौहारों पर भय का माहौल होता था। आज पर्व और त्योहार किसी भी समुदाय का हो बहुत शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न होता है। प्रदेश दंगा मुक्त हुआ, सुरक्षा का एक बेहतरीन वातावरण बना तो देखते ही देखते देश और दुनिया के यात्री और पर्यटक उत्तर प्रदेश की ओर उमड़ पड़ा।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2017 के पहले वर्ष भर में मात्र लाखों की संख्या में पर्यटक आते थे, वहीं आज यह संख्या करोड़ों में पहुंच रही है। महाकुम्भ में ही 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालु उत्तर प्रदेश आए। इस वर्ष आंकलन करेंगे तो प्रदेश में पर्यटकों की संख्या 100 करोड़ के ऊपर पहुंचेगी।

टूरिज्म का ड्रीम डेस्टिनेशन बना यूपी


उन्होंने कहा कि स्पिरिचु्अल टूरिज्म व्यापक रोजगार का सृजन करता है तो इकोनॉमी को नई गति भी देता है। आस्था और आर्थिक का यह अद्भुत संबंध महाकुंभ में देखने को मिला है। 2017 के पहले इन संभावनाओं के बारे में सोचने वाला कोई नहीं था। उस समय की राजनीतिक लीडरशिप इस दिशा में सोच नहीं रखती थी। उनका यह एजेंडा नहीं था। परिणाम था कि प्रदेश में गुंडागर्दी होती थी, बेटी भी सुरक्षित नहीं थी, व्यापारी भी सुरक्षित नहीं था, प्रदेश में दंगों का लंबा दौर चलता था, हर दूसरे तीसरे दिन एक नए दंगे की शुरुआत होती थी। सत्ताधारी लोगों ने उत्तर प्रदेश के माफिया के सामने घुटने टेक दिए थे। उनके सामने उनकी जुबान नहीं खुलती थी। माफिया के इशारे पर सरकार चलती थी। वह पैसे वाला अपराधी, माफिया रहा हो, खनन माफिया रहा हो, भू माफिया रहा हो, वन माफिया रहा हो या पशु माफिया रहा हो, यह सभी अपने इशारे पर सरकारों को चलाते थे। आज उत्तर प्रदेश में पिछले 8 वर्ष के अंदर डबल इंजन की सरकार ने जो कार्य प्रारंभ किया है उसका परमाण है कि आज यूपी माफिया मुक्त भी है, दंगा मुक्त भी है, गुंडा मुक्त भी है, अपराध मुक्त भी है। देश के अंदर टूरिज्म के ड्रीम डेस्टिनेशन के रूप में उत्तर प्रदेश ने अपने आप को स्थापित किया है तो निवेश के लिए भी सबसे इन्वेस्टमेंट फ्रेंडली के रूप में उत्तर प्रदेश आज जाना जाता है।

निवेशकों का यूपी पर बढ़ा विश्वास


सीएम ने कहा कि 2017 के पहले इनवेस्टर्स समिट प्रदेश के लिए एक सपना थी। हमने इसे अमली जामा पहनाया। पहले इन्वेस्टर समिट में हमें 4,67,000 करोड़ का प्रस्ताव प्राप्त हुआ और 2023 में हमें 40 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इन्वेस्टमेंट के सबसे अच्छे डेस्टिनेशन के रूप में आज उत्तर प्रदेश जाना जा रहा है। यह सब प्रयास करने से होता है। आज कोई किसान आत्महत्या नहीं करता है, कोई व्यक्ति भूख से नहीं मरता है, किसी नौजवान को पलायन करने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ता है, किसी बेटी और व्यापारी को सुरक्षा के लिए गुहार नहीं लगानी होती है, प्रदेश के अंदर पिक एंड चूज करके कोई व्यक्ति किसी भी इन्वेस्टर को यहां से बाहर जाने के लिए मजबूर नहीं कर सकता है, क्योंकि सब कुछ एक सिंगल विंडो प्लेटफार्म पर आधारित है। टेक्नोलॉजी का बेहतर उपयोग किया गया है और उसके माध्यम से कोई भी निवेशक आकर के अपने निवेश को करते हुए प्रदेश के विकास में, देश के विकास में अपना योगदान कर सकता है।

2017 से पहले सरकारों की सोच जातिवादी और कार्य परिवारवादी


उन्होंने कहा कि यह संभावनाएं 2017 में भी थीं, लेकिन दूसरी सरकारों का एजेंडा संकीर्ण था। उनके एजेंडे सीमित दायरे में थे। उनकी सोच जातिवादी थी और कार्य परिवारवादी थे। वह परिवार से बाहर देख नहीं सकते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश के किसी भी शहर में जाएंगे तो आपको 2017 के पहले और आज के उत्तर प्रदेश में अंतर साफ दिखाई देगा। कूड़े के ढेर पूरी तरह समाप्त हो चुके हैं। हर शहर और गांव में स्वच्छता के लिए प्रतिस्पर्द्धा प्रारंभ हुई है। इसका नतीजा ये हुआ है कि नारी की गरिमा की भी रक्षा हुई है, हर गरीब के घर में शौचालय आ गया है और इंसेफेलाइटिस और मलेरिया जैसी बीमारियों को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त हुई है।