वाराणसी (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में एचडीएफसी बैंक की अत्याधुनिक शाखा का उद्घाटन किया। यह एक उल्लेखनीय मान्यता वाला तीर्थ स्थल है और बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है। एचडीएफसी बैंक की यह वाराणसी जिले में बैंक की 31वीं शाखा है। इस शाखा से प्रतिदिन मंदिर में आने वाले बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
एचडीएफसी बैंक के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के शाखा बैंकिंग प्रमुख मुस्कान सिंह ने इस ब्रांच के उद्घाटन के बाद टिप्पणी करते हुए कहा, “एचडीएफसी बैंक ने हमेशा ग्राहकों की सुविधा को आधारशिला रखने में विश्वास किया है। यह मंदिर अपने मजबूत आध्यात्मिक महत्व के कारण दुनिया भर से बड़ी संख्या में आगंतुकों को आकर्षित करता है। बैंक अपने ग्राहक केंद्रित वित्तीय उत्पादों और सेवाओं के माध्यम से एक मजबूत बैंकिंग अनुभव को सक्षम करते हुए निर्बाध बैंकिंग प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।”
उद्घाटन के अवसर पर मुस्कान सिंह (शाखा बैंकिंग प्रमुख, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड एचडीएफसी बैंक), अनिल राजभर (कैबिनेट मंत्री उत्तर प्रदेश), दयाशंकर मिश्रा (राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार), रवींद्र जायसवाल (राज्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार), महंत संतोष दास (सतुआ बाबा आश्रम), नीलकंठ तिवारी (विधायक) सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
इसके अलावा कौशल राज शर्मा (कमिश्नर वाराणसी), एस राजलिंगम (डीएम वाराणसी), विश्वभूषण मिश्रा (सीईओ श्री काशी विश्वनाथ मंदिर), शंभू शरण (एसडीएम श्री काशी विश्वनाथ विशेष क्षेत्र विकास बोर्ड), मोहित अग्रवाल (पुलिस आयुक्त), डॉ. एस चन्नपा (जेसीपी वाराणसी प्रशासन के प्रमुख अधिकारी, काशी विश्वनाथ मंदिर और श्री काशी विश्वनाथ विशेष क्षेत्र विकास बोर्ड) के साथ-साथ अनिल खुगशाल आरआरएच, मनीष टंडन जेडएच, रोहित खन्ना सीएच सहित बैंक के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे।
उत्तर प्रदेश में बैंक की यात्रा में उत्तर प्रदेश का अहम योगदान रहा है, जिसकी शुरुआत वर्ष 1997 में लखनऊ में अपनी पहली शाखा खोलने के साथ हुई थी। इसके बाद, बैंक ने वर्ष 2003 में वाराणसी में अपनी पहली शाखा खोली। इस नई शाखा के साथ, बैंक का नेटवर्क जिले में 31 शाखाओं तक पहुँच गया है। उत्तर प्रदेश में बैंक के वितरण नेटवर्क में 31 दिसंबर 2024 तक 80 शहरों/कस्बों में 913 शाखाएँ और 1473 एटीएम (सीडीएम सहित) शामिल थे।