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भजन से शान्ति, तपस्या से ऐश्वर्य और सेवा से मिलता है आनन्द : आचार्य रमाकांत

भक्तमाल कथा तीसरा दिन

नाम से होते हैं बड़े बड़े काम : आचार्य रमाकांत

कथा के तीसरे दिन मीराबाई के चरित का गुणगान

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। राधा स्नेह दरबार द्वारा आयोजित भक्तमाल कथा के तीसरे दिन संत मीराबाई के चरित का गुणगान हुआ। शनिवार को गोमती तट स्थित खाटूश्याम मन्दिर में श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए आचार्य रमाकान्त गोस्वामी ने कहा कि लोक लाज और कुल की मर्यादा को तोड़ने वाली मीरा ने अपनी भक्ति से न केवल अपने गिरिधर को पाया अपितु अपने लौकिक पति के पुरखों को भी तार दिया।

उन्होंने कहा कि मीरा को उनके ससुराल वालों ने घर के बाहर भूतमहल में निर्वासित किया तो मीरा ने वहां चरणामृत छिड़काव किया और इससे राणा कुल के पुरखे तृप्त हो गये। मीरा अपने धुन की पक्की थीं और उन्होंने बचपन में जो कृष्ण को पति माना तो वे अंत तक डटी रहीं और उन्हीं में लीन भी हो गईं।

आचार्य रमाकांत ने कहा कि सच्ची भक्ति करने वाला किसी की चिन्ता नहीं करता। मीरा भी वैसी ही थीं जिनमें भक्ति के संस्कार जन्मजात थे। वो पूर्वजन्म में गोपी थीं। उन्होंने कहा कि भजन से शान्ति, तपस्या से ऐश्वर्य और सेवा से आनन्द मिलता है। बहुत से काम केवल किसी का नाम लेने से हो जाते हैं। दुकान से उधार मिल जाता है किन्तु कृष्ण नाम ऐसा है जिससे हर जगह हर काम हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि भक्तों के जीवन से सीख मिलती है‌ जिसे सबको सीखना चाहिए। ध्रुव, प्रह्लाद से स्मरण निष्ठा, अर्जुन, सुदामा व विभीषण से सखा भाव, नंद बाबा, यशोदा व कर्माबाई से वात्सल्य भाव सीखने लायक है।

कथा में पधारे उदासीन आखाड़ा के महामण्डलेश्वर आचार्य धर्मेन्द्र दास, महापौर सुषमा खर्कवाल, भाजपा नेता नीरज सिंह, पूर्व जलशक्ति मंत्री डा. महेन्द्र सिंह, विधायक डा. नीरज बोरा, केन्द्रीय जांच ब्यूरो के निदेशक जीके गोस्वामी, पंडित मृदुल त्रिपाठी, डा. मोहिनी, पुष्पलता अग्रवाल, महानगर उपाध्यक्ष धनश्याम दास अग्रवाल, राधा स्नेह दरबार और श्याम परिवार के सदस्यों के साथ ही सैकड़ों गणमान्य जन व श्रद्धालु उपस्थित रहे।

आयोजन समिति की ओर से राधा स्नेह दरबार की अध्यक्ष बिन्दू बोरा ने आगंतुकों का स्वागत किया।भक्तमाल कथा में रविवार को सायं तीन बजे से भक्त नरसी मेहता के चरित का आख्यान होगा।