लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। सीएसआईआर-केन्द्रीय औषधीय एवं सगंध पौधा संस्थान (सीमैप) ने शुक्रवार सीएसआईआर स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर मेजर (प्रोफेसर) संजय कुमार, हिन्दी विभाग एवं एसोसिएट एनसीसी अधिकारी, रामलाल आनन्द महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय मुख्य अतिथि रहे। डॉ. अजीत कुमार शासने (निदेशक, सीएसआईआर-एनबीआरआई) विशिष्ट अतिथि रहे।
सीएसआईआर- सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने अपने स्वागत भाषण में अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने पिछले 83 वर्षों में सीएसआईआर के योगदान के बारे में अवगत कराया। साथ ही संस्थान में 25 वर्ष पूरे करने वाले वैज्ञानिकों, तकनीकी एवं प्रशासनिक कर्मचारियों के योगदान की सराहना की।
दिल्ली विश्वविद्यालय के रामलाल आनंद महाविद्यालय के हिंदी विभाग एवं एसोसिएट एनसीसी अधिकारी, मेजर (प्रोफेसर) संजय कुमार ने सीएसआईआर के 83वें स्थापना दिवस पर सभी को बधाई दी। उन्होंने कहाकि भारत का भाग्य विद्यालयों, महाविद्यालयों और सीएसआईआर- सीमैप जैसे संस्थानों में निर्मित होता है। उन्होंने सीएसआईआर- सीमैप के राजभाषा हिंदी के प्रति स्नेह और सम्मान की सराहना की।
सीएसआईआर-एनबीआरआई के निदेशक डॉ. अजीत कुमार शासनी ने सीएसआईआर के प्रयासों की प्रशंसा की। जिन्हें अब वैश्विक स्तर पर स्वीकार किया गया है और पिछले कुछ वर्षों में हुई प्रगति की भी सराहना की। अपने भाषण में उन्होंने एक सामान्य छात्र से लेकर सीएसआईआर-एनबीआरआई के निदेशक और प्रतिष्ठित इनसा फेलोशिप प्राप्त करने तक के अपने सफर के बारे में विस्तार से बताया।
सीएसआईआर- सीमैप की वार्षिक रिपोर्ट और हिंदी पत्रिका औस-विज्ञान का गणमान्य व्यक्तियों द्वारा विमोचन किया गया। इसके बाद सीएसआईआर- सीमैप में 25 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले वैज्ञानिकों और कर्मचारियों को सम्मानित किया गया। तत्पश्चात, हिंदी पखवाड़ा एवं स्वच्छता पखवाड़ा के अंतर्गत आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं का पुरस्कार वितरण अतिथियों द्वारा किया गया।
सीएसआईआर – सीमैप के निदेशक डॉ. प्रबोध कुमार त्रिवेदी ने अतिथियों को शॉल, स्मृति चिन्ह एवं सीएसआईआर-सीमैप लखनऊ के उत्पाद किट से सम्मानित किया। अंत में कार्यक्रम संयोजक डॉ. संजय कुमार (वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक, सी.एस.आई.आर.- सीमैप) ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में संस्थान के लगभग 300 वैज्ञानिक, शोध छात्र एवं कर्मचारी भी उपस्थित थे।