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योग और ध्यान संग ब्राइटर माइंड की प्रस्तुति ने किया अचंभित

लखनऊ। श्री रामचंद्र मिशन, हार्टफुलनेस इंस्टिट्यूट एवं संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में प्रदेश सरकार के संस्कृति विभाग व लखनऊ विकास प्राधिकरण के सहयोग से आयोजित ‘हर दिल-हर दिन ध्यान : योग महोत्सव’ में योग और ध्यान के प्रति लोगों की जागरूकता देखते ही बन रही है। अलीगंज स्थित एलडीए फुटबॉल स्टेडियम में आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन शनिवार को सुबह और शाम के सत्रों में हजारों लोगों ने सामूहिक योगाभ्यास व ध्यान किया। योग महोत्सव की संकल्पना संस्था के ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश डी पटेल ‘दाजी’ की है। महोत्सव में आज उनकी पुस्तक ‘द विज्डम ब्रिज’ का विशेष विमोचन किया गया।

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी मेहरोत्रा ने बताया कि ‘द विज्डम ब्रिज’ ‘द हार्टफुलनेस वे’ और ‘डिजाइनिंग डेस्टिनी’ के सर्वाधिक लोकप्रिय लेखक पद्मभूषण कमलेश डी पटेल ‘दाजी’ की नवीनतम कृति है। यह पुस्तक जीवन को प्रेरित करने, परिवार को सुदृढ़ बनाने और बच्चों के जीवन को आनंदपूर्ण बनाने के लिए एक आवश्यक मार्गदर्शिका है। महोत्सव के सेल्फी प्वाइंट पर इस पुस्तक लेखक व पुस्तक के कटआउट के साथ सेल्फी लेने की भी होड़ रही।

महोत्सव के दूसरे दिन ब्राइटर माइंड की प्रस्तुति सभी के आकर्षण का मुख्य केंद्र रही। प्रस्तुति में बच्चों ने कई हैरतअंगेज करतबों का प्रदर्शन किया। उन्होंने आंखों में पट्टी बांधकर किताबोंं को पढ़ने, नोट का नंबर बताने तथा गेंद को छूकर उनके रंग बताने जैसे कारनामे किए। ब्राइटर माइंड प्रस्तुतकर्ता विशाल वर्मा व गोपाल ने बताया कि बच्चों के ब्रेन को अभ्यास द्वारा यह सब कुछ संभव है। हमारी सेहत के लिए ऊर्जा को ठीक करने के आसान तरीके हार्टफुलनेस पोलैरिटी की जानकारी भी यहां दी गयी। केजीएमयू के पूर्व कुलपति एवं रेडिएशन एवं कैंसर विज्ञान विभाग के प्रमुख एमएलबी भट्ट ने ध्यान और विज्ञान की एकरूपता पर संक्षिप्त प्रस्तुति दी। 

अहमदाबाद से आएं मुख्य प्रस्तोता जिग्नेश शेलात ने हार्टफुलनेस क्लीनिंग टेक्निक से परिचित करवाया। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस में आंतरिक सफाई को विशेष महत्व दिया गया है। हम दिन की दैनिक दिनचर्या के बाद विचार लेकर सभी जटिलताएं और अशुद्धियों को अपने पूरे तंत्र से बाहर निकालते हैं। इस प्रक्रिया के पूर्ण होने के बाद हमें हल्केपन का अनुभव होता है। महोत्सव में प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्राणायाम, मुद्रा व योग करवाया गया। हजारों लोग ने ध्यान के साथ ही योग का अभ्यास भी किया।

भजन संध्या में विजय अग्निहोत्री में ‘मेरो मन अनत कहाँ सुख पावे’, ‘प्रभु की कृपा से मेरा काम हो रहा है’ व ‘अच्युतं केशवं’… सुनाकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। ज्योति शुक्ला के सह गायन में उन्होंने महोत्सव की थीम को केन्द्र में ‘हर दिल ध्यान हर दिन ध्यान स्वास्थ्य सुरक्षा का अभियान, सबको करना होगा’… प्रस्तुत किया। उनके साथ संगतकर्ता कलाकारों में सिंथेसाइज़र पर संजीव मेहरा, तबला पर नितेश भारती, बांसुरी पर दीपेंद्र कुंवर व ढोलक पर अवधेश का साथ रहा। 

महोत्सव में भारतीय जनता पार्टी प्राणित भारतीय श्रमिक कामगार कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव सर्वेश पाठक, उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता व लोकभारती के राष्ट्रीय महासचिव ब्रजेन्द्र सिंह मुख्य रूप से उपस्थित रहे। महोत्सव में स्कूल-कॉलेजों, विश्वविद्यालयों, संस्थानों, शासकीय व निजी कार्यालयों एवं स्वयंसेवी संगठनों के साथ-साथ लखनऊ के सम्मानित नागरिकों को उपस्थिति मुख्य रूप से हो रही है। 9 अप्रैल को महोत्सव के अंतिम दिवस सुबह 6 से 8 बजे व शाम 6 से 8 बजे तक सत्रों का आयोजन किया जाएगा।