मिलेगा आंत, लिवर और प्लीहा का ट्रिपल डिटॉक्सिफिकेशन
लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। आयुर्वेद और नेचुरोपैथी विशेषज्ञ आचार्य मनीष ने शुक्रवार को भारत का पहला पेट-यकृत-प्लीहा शुद्धि किट लॉन्च किया। यह विशेष किट आंत (पेट), लिवर (यकृत) और प्लीहा (स्प्लीन) की सेहत को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इसे बनाने में 20 से अधिक वर्षों का शोध, क्लिनिकल ट्रायल और रोगियों पर सफल परिणाम शामिल हैं। यह किट लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों की जड़ तक पहुंचकर इलाज करने के लिए बनाई गई है।

सामान्य दवाओं की तरह यह केवल लक्षणों पर काम नहीं करती बल्कि रोगों को जड़ से ठीक करने और रोकथाम में सहायक है। यह न केवल लंबे समय से बीमार लोगों के लिए बल्कि स्वस्थ लोगों के लिए भी बनाई गई है ताकि वे इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाकर बीमारियों से बच सकें। किट में 4 हफ्तों का एक तयशुदा प्रोटोकॉल है। जो पाचन तंत्र को रीसेट करता है, लिवर को मेटाबॉलिक वेस्ट और हार्मोन प्रोसेसिंग में सहयोग करता है। प्लीहा की रोग प्रतिरोधक क्षमता और खून की शुद्धि को मजबूत बनाता है। इससे गैस, एसिडिटी, कब्ज, अपच, मोटापा, लिवर ओवरलोड और कमजोर पाचन जैसी बढ़ती समस्याओं से राहत मिल सकती है।

लॉन्च के मौके पर आचार्य मनीष ने कहाकि सिर्फ लक्षणों का इलाज करने से सेहत ठीक नहीं रहती। असली इलाज तब होता है जब हम बीमारी की जड़ तक पहुंचें। आयुर्वेद बताता है कि जब पेट, लिवर और प्लीहा पर भार बढ़ जाता है तो शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे थकान, सूजन और गंभीर बीमारियां पैदा होती हैं। आयुर्वेद ग्रंथ अष्टांग हृदयम में कहा गया है कि सभी रोग पाचन की कमजोरी से शुरू होते हैं, जिससे शरीर में विष जमा होता है। पेट-यकृत-प्लीहा शुद्धि किट इसी संतुलन को रीसेट करने का एक संरचित तरीका है और इसे ट्रिपल डिटॉक्सिफिकेशन के सिद्धांत पर बनाया गया है।

आचार्य मनीष ने केंद्र सरकार से आयुर्वेद को भी आयुष्मान भारत योजना में शामिल किए जाने की मांग की। उन्होंने कहाकि अधिकांश लोगों के पास आयुष्मान कार्ड तो है लेकिन लाभार्थियों को आयुर्वेद पद्धति से इलाज के दौरान योजना का लाभ नहीं मिल पाता है। उनके मुताबिक आर्थिक अभाव में कई गंभीर बीमारी से पीड़ित लाभार्थी आयुष्मान योजना से एलोपैथी में इलाज तो कराते हैं लेकिन उन्हें बीमारी निजात नहीं मिलती है।

उन्होंने बताया कि यह किट जीना सीखो लाइफकेयर लिमिटेड ने विकसित की है, जो भारत की तेज़ी से बढ़ती इंटीग्रेटिव हेल्थ कंपनियों में से एक है और स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध है। जीना सीखो ने इसे शोध, क्लिनिकल परीक्षण, डॉक्टर परामर्श और रोगियों को सपोर्ट सेवाओं के साथ बाजार में उतारा है। कंपनी का मकसद है कि हर घर में रोकथाम आधारित और संपूर्ण स्वास्थ्य की प्राथमिकता बने।
इस किट में कुटकी, कालमेघ, हरड़, गिलोय, आंवला और भुम्यामलकी जैसी जड़ी-बूटियों का मिश्रण है। जिनमें लिवर की सुरक्षा, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और पाचन सुधारने की खासियत है। इसे आयुष मंत्रालय से मंजूरी मिली है और HIIMS अस्पतालों में वैलिडेट किया गया है।
इसके अलावा, यह किट शुद्धि ब्रांड की कई अन्य उन्नत आयुर्वेदिक किट्स जैसे डायबिटीज केयर, बीपी केयर, डिप्रेशन और एंग्जायटी केयर, लिवर केयर, किडनी केयर, थायरॉइड केयर, फेफड़े, जोड़, कैंसर, हार्ट, यौन स्वास्थ्य, आंख और इम्युनिटी केयर किट्स की नींव भी है।
यह किट अब https://store.jeenasikho.com/, अमेज़न, फ्लिपकार्ट, टाटा 1mg और देशभर की प्रमुख फार्मेसियों पर उपलब्ध है।