लखनऊ : केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के 16वें प्रदेश अध्यक्ष चुने गए हैं। पंकजचौधरी ने गोरखपुर नगर निगम के पार्षद से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया और केंद्रीय मंत्री के बाद अब पार्टी के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष तक पहुंचे हैं। सादगी पसंद पंकज चौधरी का परिवार भी राजनीति से जुड़ा है। उनके भाई, बहन और मां भी राजनीति में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं।उत्तर प्रदेश में लोकतांत्रिक तरीके से हुए पार्टी के चुनाव में पंकज चौधरी को भाजपा का प्रदेश निर्वाचित घोषित किया गया है। भाजपा ने एक बारफिर साबित कर दिया कि पार्टी का हर कर्मठ कार्यकर्ता उसके लिए सबसे महत्वपूर्ण है। पिछड़े वर्ग के नेता पंकज चौधरी उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के महराजगंज जिले से सांसद हैं। वे इस लोकसभा सीट से सात बार सांसद चुने गए हैं। वे एक राजनीतिक परिवार से आते हैं और उनके भाई प्रदीप चौधरी, मां और बहन साधना चौधरी राजनीति में महत्वपूर्ण पदों पर काम कर चुके हैं।पार्षद बनकर शुरू किया राजनीतिक सफरपंकज चौधरी ने इंटरमीडिएट के बाद आगे की पढ़ाई के लिए गोरखपुर विश्वविद्यालय में दाखिल लिया और यहां से स्नातक की डिग्री ली। विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान ही समाज सेवा के प्रति उनकी रुचि जागी। उन्हाेंने 1989 में नगर निगम गोरखपुर के चुनाव में पार्षद का चुनाव लड़ा और भारी मताें से जीत गए। बाद में गोरखपुर नगर निगम के डिप्टी मेयर भी बने और यहीं से वे अपने कामाें और जनता से जुड़ाव के चलते लोगों के बीच लोकप्रिय होते गए। महराजगंज से सात वार के हैं सांसदराजनीतिक और उद्यमी परिवार से संबंध रखने वाले पंकज के भाई प्रदीप चौधरी ने महराजगंज के पहले जिला पंचायत अध्यक्ष के रूप में जमकर कार्य किये। इससे प्रदीप ने स्थानीय लाेगाें क दिल में जगह बनाई। प्रदीप की जनसेवा से प्रभावित पंकज चौधरी भी उनका हाथ बंटाने लगे। प्रदीप ने भी पंकज की रुचि देखते हुए उन्हें राजनीति में स्थापित करने में पूरी मदद की। इसी बीच भाजपा ने पहली बार 24 साल की उम्र में पंकज चौधरी को वर्ष 1991 की राम लहर में लोकसभा का टिकट दे दिया। पारिवारिक पृष्ठभूमि, जनता से जुड़ाव और भाजपा कार्यकर्ताओं की मेहनत से वे जीत गए। लोकसभा चुनाव में इस जीत के बाद पंकज चौधरी की महराजगंज में लोकप्रियता और बढ़ा गई। इसके बाद अब तक पंकज अब तक सात बार इस क्षेत्र से जीत दर्ज कर चुके हैं। उन्हें वर्ष 1999 और 2009 के लोकसभा चुनाव में हार का भी सामना करना पड़ा। वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूसरे कार्यकाल में उन्हें पहली बार केंद्रीय मंत्री बनाया गया। वर्ष 2024 में 18वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित हाेने के बाद माेदीमंत्रिमंडल में उन्हें केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली और आज उसी पद पर कार्य कर रहे हैं।सादगी पसंद हैं नए प्रदेश अध्यक्षभाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष पंकज चौधरी को सादगी पसंद हैं। वे दिखावे की राजनीति से दूर रहते हैं। दो बार से केंद्रीय मंत्री बनने के बाद भी उन्होंने कभी अपनी सादगी नहीं छोड़ी। वे छोटे से छोटे कार्यकर्ता को तरजीह देते हैं। उनके व्यवहार और बातचीत के तरीके से उनके लोकसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता भी पसंद करते हैं। यही कार्यकर्ताओं के लिए और जिले के लिए गौरव का विषय है। पंकज चौधरी का राह चलते लोगों से अपने देसी अंदाज में लाेगाें के हालचाल पूछने का अंदाज स्थानीय लाेगाें में चर्चा में रहता है।माेदी और शाह के करीबी माने जाते हैं पंकजभाजपा के वरिष्ठ नेता पंकज चौधरी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केंद्रीय और गृहमंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में भी इनकी मजबूत पैठ है। शांत-सौम्य व्यवहार, समाज के सभी लोगों से जुड़ाव, उनकी व्यापक राजनीतिक सोच और विरोधियों को भी साथ लेकर चलने की उनकी क्षमता ही उनकी सबसे बडी ताकत है। आज के समारोह में भी उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की खूबियाें का उल्लेख किया। राजनीतिक पंडिताें का मानना है कि पंकज चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश में 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पिछड़ों को साधने और विपक्ष के पीडीए समीकरण को ध्वस्त करने की कोशिश की है। भाजपा ने पंकज चौधरी के सहारे अपने परंपरागत कुर्मी वोट को भी साथ रखने का प्रयास किया है। साथ ही कार्यकर्ताओं को यह भी संदेश दिया है कि भाजपा अपने मूल काडर को भूलती नहीं है।एक नजर में नवनिर्वाचित प्रदेश अध्यक्ष का राजनीतिक सफर1989-91 पार्षद, नगर निगम, गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।1990-91 उप महापौर, नगर निगम, गोरखपुर।1990- सदस्य, भाजपा कार्य समिति1991- लोकसभा के लिए निर्वाचित1996 11वीं लोकसभा के लिए पुन: निर्वाचित1991-96 पर्यावरण और वन संबंधी समिति के सदस्य1998-12वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित2004-14वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित2014- 16वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित2019- 17वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित2024- 18वीं लोकसभा के लिए फिर से निर्वाचित2021 से केंद्र की मोदी सरकार में लगातार मंत्री।
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