लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। लखनऊ विश्वविद्यालय ने क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2026 में शीर्ष सार्वजनिक वित्त पोषित राज्य विश्वविद्यालय के रूप में उभरकर एक बार फिर उत्तर प्रदेश राज्य को गौरवान्वित किया है। नवीनतम वैश्विक मूल्यांकन में, विश्वविद्यालय को 781–790 रैंक बैंड में रखा गया है, जो 2025 की रैंकिंग के मुकाबले स्थिर और सुसंगत प्रदर्शन को दर्शाता है, जबकि अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा लगातार तीव्र हो रही है।
“बहुत उच्च” शोध उत्पादन संस्थान के रूप में विश्वविद्यालय की श्रेणी इसके मजबूत प्रकाशन रिकॉर्ड और महत्वपूर्ण उद्धरण प्रभाव को दर्शाती है। यह इसके संकाय और शोधकर्ताओं के वैश्विक ज्ञान प्रणाली में उच्च गुणवत्ता वाले अकादमिक योगदान का प्रमाण है।
दक्षिण एशियाई उपक्षेत्रीय रैंकिंग में, लखनऊ विश्वविद्यालय लगभग 244वें स्थान पर है, जो इसे क्षेत्र के अग्रणी विश्वविद्यालयों के मध्य-स्तरीय समूह में रखता है। यह इसकी बढ़ती अकादमिक प्रभावशीलता को दर्शाता है और अंतरराष्ट्रीय सहयोग, शोध दृश्यता और वैश्विक भागीदारी को मजबूत करके आगे बढ़ने की पर्याप्त संभावनाएं प्रदान करता है।
हालांकि विश्वविद्यालय शोध और अकादमिक प्रतिष्ठा में मजबूत प्रदर्शन कर रहा है। क्यूएस संकेतक वैश्विक दृश्यता और छात्र विनिमय (आगमन और प्रस्थान गतिशीलता) जैसे क्षेत्रों में सुधार की संभावनाएं भी दर्शाते हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों और साझेदारियों को विस्तार देने की दिशा में सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है ताकि वैश्विक स्तर पर अपनी उपस्थिति को और सुदृढ़ किया जा सके। विश्वविद्यालय की अंतरराष्ट्रीय छात्र अनुपात रैंकिंग 142 है, जो वैश्विक स्तर पर इसकी बढ़ती दृश्यता को दर्शाती है।
कुलपति प्रो. मनुका खन्ना ने रैंकिंग परिणाम पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा, “विश्वविद्यालय की वैश्विक रूप से मान्यता प्राप्त संस्थानों में निरंतर स्थिति हमारी गुणवत्तापूर्ण शिक्षण, प्रभावशाली शोध और अकादमिक उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतिबिंब है।”
क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग्स 2026 में लखनऊ विश्वविद्यालय की उपलब्धि इसे उत्तर प्रदेश और भारत में उच्च शिक्षा के अग्रणी संस्थान के रूप में पुनः स्थापित करती है और अंतरराष्ट्रीय अकादमिक मानचित्र पर एक उभरते नाम के रूप में प्रस्तुत करती है।
विश्वविद्यालय का लक्ष्य है कि वह अपने वैश्विक साझेदारियों को और मजबूत करे, छात्र और संकाय गतिशीलता को बढ़ावा दे। अंतःविषय शोध को प्रोत्साहित करे ताकि वह अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग्स में निरंतर ऊपर चढ़ता रहे। आगामी शैक्षणिक वर्षों के लिए सहयोगात्मक शोध, अकादमिक आदान-प्रदान और वैश्विक आउटरीच पर केंद्रित रणनीतिक पहलों को प्राथमिकता दी जा रही है।
Telescope Today | टेलीस्कोप टुडे Latest News & Information Portal