लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। उत्तर प्रदेश विधानसभा के समिति कक्ष में बुधवार को अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में विधानसभा की विभिन्न संसदीय समितियों की बैठकों का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर विधानसभा की सार्वजनिक उपक्रम एवं निगम संयुक्त समिति, पंचायती राज समिति, स्थानीय निकायों के लेखा परीक्षा प्रतिवेदनों की जांच संबंधी समिति तथा अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं विमुक्त जातियों संबंधी संयुक्त समिति के सभापति एवं सदस्यगण उपस्थित रहे।

विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अपने उद्बोधन में कहा कि सरकार की व्यवस्था में सबकी भागीदारी होती है और हर किसी की अपनी जिम्मेदारी होती है। जनता के टैक्स से सरकार चलती है, इसलिए उसके हर पैसे का सही उपयोग सुनिश्चित करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। गरीब से गरीब व्यक्ति भी टैक्स देता है, अतः जनता के प्रति जवाबदेही सबसे महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि विधानसभा की समितियां किसी एक्ट के तहत नहीं बल्कि संविधान की व्यवस्था के अंतर्गत कार्य करती हैं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे बैठकों में पूरी तैयारी के साथ आएं, प्रकरणों की गहराई से समीक्षा करें और जनता के हित में ठोस सुझाव दें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों की उम्र तय होती है, पर जनप्रतिनिधियों की नहीं। इसलिए हमें सदन और समितियों में अपनी जिम्मेदारी को पूर्ण निष्ठा से निभाना चाहिए।

सार्वजनिक उपक्रम एवं निगम संयुक्त समिति के सभापति मेजर सुनीलदत्त द्विवेदी ने कहा कि विधानसभा की कार्यप्रणाली और अनुशासन ने पूरे देश में उत्तर प्रदेश की एक विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्होंने कहा कि समितियां जनहित में कार्य कर विधानसभा अध्यक्ष की अपेक्षाओं पर खरा उतरने का प्रयास करेंगी।

स्थानीय निकायों के लेखा परीक्षा प्रतिवेदनों की जांच संबंधी समिति के सभापति पंकज गुप्ता ने कहा कि उन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है, उस पर खरा उतरने का हरसंभव प्रयास करेंगे। वे प्रत्येक प्रकरण को गंभीरता से लेकर उसका निवारण सुनिश्चित करेंगे और समिति को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का प्रयास करेंगे।

अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं विमुक्त जातियों संबंधी संयुक्त समिति के सभापति दीनानाथ भास्कर ने कहा कि वे समाज के वंचित वर्गों के अधिकारों की रक्षा के लिए समिति के मंच से सार्थक पहल करेंगे।
पंचायती राज समिति के सभापति प्रेम सागर पटेल ने कहा कि समिति का उद्देश्य गांव, गरीब और किसान के हितों को सशक्त बनाना है।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने सभी सभापतियों और सदस्यों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि समितियां विधायिका की रीढ़ होती हैं, और जब समितियां मजबूत होंगी, तभी लोकतंत्र और अधिक सशक्त बनेगा।
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