वर्धा (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में हिंदी दिवस पखवाड़ा के अंतर्गत हिंदी साहित्य विभाग के तत्वावधान में ‘हिंदी : भाषाधिकार एवं मानवाधिकार के परिप्रेक्ष्य’ विषय पर विशेष व्याख्यान का आयोजन गुरुवार को किया गया। गालिब सभागार में कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता मध्यप्रदेश शासन में सेवानिवृत्त अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने वक्तव्य दिया।
उन्होंने कहा कि भाषिक स्वराज से सुराज संभव करने की दिशा में हमे हिंदी को जनता की भाषा के रूप में स्थापित करना चाहिए। हिंदी ज्ञान की भाषा है। हिंदी को लेकर शासकीय सेवा और न्यायालयों में हमें जनता की भाषा में काम करना चाहिए। हिंदी के संबंध में मानवाधिकार का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं होना चाहिए। देश को अपनी ही भाषा में बोलना चाहिए। भाषा का उद्देश संप्रेषण है और हमें इसे व्यावसायिक और व्यावहारिक तौर पर इस्तेमाल करना चाहिए।

उन्होंने विज्ञापनों की भाषा और उनमें दी जाने वाली वैधानिक चेतावनी का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय भाषा उत्पादों के गुण बताने में प्रयुक्त होती है, परंतु विज्ञापनों में चतुराई से अंग्रेजी भाषा का प्रयोग वैधानिक चेतावनी के रूप में किया जाता है।
अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रो. कुमुद शर्मा ने कहा कि कोई भी भाषा आत्मबोध के वजूद का अंग होती है। हिंदी भाषा कभी भी प्रभुत्व या वर्चस्व की नहीं अपितु समन्वय की भाषा रही है। मीडिया और हिंदी के संबंध का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि भूमंडलीकरण के दौर में हिंदी का प्रभाव बाज़ार पर भी दिखता है। हिंदी की शक्ति ने हमें तकनीक से भी समृद्ध किया है। उन्होंने कहा कि मीडिया की मंडी ने नहीं बल्कि हिंदी की ताकत ने मीडिया का बाजार बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि भाषा के साथ स्वाभिमान व सम्मान भी बढ़ना चाहिए। हिंदी हमारे स्वाभिमान और सम्मान की भाषा है।
कार्यक्रम का स्वागत वक्तव्य साहित्य विद्यापीठ के अधिष्ठाता प्रो. अवधेश कुमार ने दिया। संचालन सहायक प्रोफेसर डॉ. रूपेश कुमार सिंह ने किया तथा एसोशिएट प्रोफेसर डॉ. अशोक नाथ त्रिपाठी ने आभार जताया। कार्यक्रम का प्रारंभ विश्वविद्यालय के कुलगीत से तथा समापन राष्ट्रगान से किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।
हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत वाचस्पति भवन में अपराह्न 03:30 बजे विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। जिसमें 19 सितंबर को शुद्ध लेखन, 23 को निबंध लेखन, 25 को टिप्पण व मसौदा लेखन एवं 26 सितंबर को स्वरचित काव्य पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। कंप्यूटर लैब, भाषा विद्यापीठ में 22 सितंबर को टंकण प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इन प्रतियोगिताओं में अधिक से अधिक संख्या में सहभागिता करने की अपील हिंदी अधिकारी राजेश यादव ने की है।