Wednesday , September 17 2025

यीडा क्षेत्र में दो बड़ी कंपनियां कर रहीं 3500 करोड़ का निवेश

  • आरपी-संजीव गोएनका ग्रुप 3,000 करोड़ से 3 GW सोलर सेल और इंटीग्रेटेड सोलर हब लगाएगा
  • मिंडा कॉर्पोरेशन 500 करोड़ से वायरिंग हार्नेस, सेंसर और कनेक्टर्स यूनिट स्थापित करेगी

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश लगातार बड़े निवेश का गढ़ बनता जा रहा है। प्रदेश के लिए बुधवार का दिन बेहद खास रहा, जब दो बड़ी औद्योगिक परियोजनाओं को हरी झंडी मिली। आरपी-संजीव गोएनका ग्रुप ने यीडा (यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) क्षेत्र में 3 GW सोलर सेल और इंटीग्रेटेड सोलर ईकोसिस्टम हब स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। इसके साथ ही 60 मेगावाट कैप्टिव सोलर और एनर्जी स्टोरेज (ESS) प्लांट भी लगेगा। करीब 3,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश से बनने वाली यह परियोजना न केवल भारत की नवीकरणीय ऊर्जा ट्रांजिशन को गति देगी, बल्कि उत्तर प्रदेश को सोलर मैन्युफैक्चरिंग में लीडर बनाएगी। 

दूसरी तरफ, मिंडा कॉर्पोरेशन लि. ने यीडा के सेक्टर 10 में 500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के साथ वायरिंग हार्नेस, सेंसर और कनेक्टर्स प्रोजेक्ट स्थापित करने की घोषणा की है। ऑटोमोबाइल सेक्टर की जरूरतों के लिए यह यूनिट क्लस्टर्स और कॉस्ट-इफेक्टिव इंजीनियरिंग समाधान विकसित करेगी। यह प्रोजेक्ट 2,200 से अधिक प्रत्यक्ष और 5,000 अप्रत्यक्ष रोजगार देगा। दोनों निवेश उत्तर प्रदेश में स्वदेशी निर्माण, रोजगार सृजन और वैश्विक तकनीक को बढ़ावा देंगे और कुल 7 हजार से अधिक रोजगार के अवसर सृजित करेंगे। 

विकसित होंगी अत्याधुनिक तकनीकें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निवेश-फ्रेंडली नीतियों, बेहतर कानून-व्यवस्था और इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण आज यूपी ग्लोबल कंपनियों के लिए पसंदीदा निवेश गंतव्य बन चुका है। आरपी-संजीव गोएनका ग्रुप द्वारा स्थापित किए जा रहे इंटीग्रेटेड सोलर ईकोसिस्टम हब में TOPCon और Perovskite-Tandem सेल टेक्नोलॉजी जैसी अत्याधुनिक तकनीकें विकसित होंगी, जिनकी क्षमता 28–30% तक दक्षता देने की है। इससे बिजली की लागत 10–15% तक घटने की उम्मीद है। परियोजना से 1,200 से अधिक प्रत्यक्ष और 4,000 अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेंगे। यीडा ने इसके लिए सेक्टर-8D में 100 एकड़ जमीन आवंटित करते हुए लेटर ऑफ इंटेंट जारी किया है। दूसरी ओर, मिंडा का निवेश खासतौर से इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs), ऑटोनॉमस ड्राइविंग और ADAS टेक्नोलॉजी के तेजी से बढ़ते बाजार को ध्यान में रखकर किया जा रहा है।