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IIA : MSME के विकास में सक्रिय सहयोग के सफल 40 वर्ष

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। पिछले 40 वर्षों में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के सहयोग, प्रोत्साहन एवं विकास में एक सशक्त आवाज के रूप में पहचाना जाने वाला एक अनुशासित एवं सुव्यवस्थित संगठन आईआईए सन् 1985 में उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर से एक आन्दोलन की तरह शुरू हुआ था। कुछ कर्मठ एवं जागरूक उद्यमियों ने अपने छोटे छोटे उद्योगों की रोज़मर्रा की परेशानियों से होने वाले नुकसान को बचाने के लिए संगठित होकर व्यवस्थाओं को सही करने का जो बीड़ा उठाया वो आज 15500 से अधिक MSMEs सदस्यों के साथ MSMEs के विकास का एक भरोसेमंद अंग बन चुका है।

पिछले 40 वर्षों की इस यात्रा में विभिन्न उद्योग क्षेत्रों के लोग आपस में एकजुट होते गए एवं चयनित प्रबन्धन के नेतृत्व में सम्बंधित सरकारी विभाग हो या मंत्रालय, अपनी सही बात सही समय पर सही जगह पहुँचाने में और समाधान पाने के लिए निसंकोच लगातार प्रयास करते रहे।

IIA के 40 वें वार्षिकोत्सव की साप्ताहिक उत्सव श्रृंखला शनिवार को आईआईए भवन में शुरू हुई। केन्द्रीय मंत्री स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रासायन एवं उर्वरक मंत्रालय अनुप्रिया पटेल बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहीं।

समारोह का संचालन महासचिव दीपक कुमार बजाज ने किया। मुख्य अतिथि एवं पदाधिकारियों द्वारा सात नदियों के प्रतीतात्मक पवित्र जल को एकत्र कर “जल संरक्षण” की आवश्यकता को बढ़ावा देने और शिक्षित करने का संकल्प लिया गया।

IIA के सीनियर वाईस प्रेसिडेंट ने IIA की विगत 40 वर्षों की यात्रा, उपलब्धियां, चुनौतियाँ एवं नए संकल्पों के बारे में विस्तार से बताया। आईआईए एवोलुशन एवं स्किल डेवलोपेमेंट ऑनलाइन एप्लीकेशन सिस्टम एवं MSME नॉलेज बैंक के नए संस्करण का मुख्य अतिथि ने ई विमोचन किया। आईआईए की चैट बोट के बारे में बताते हुए अलोक अग्रवाल ने कहा कि यह आईआईए की अनूठी पहल है, जिससे उपभोगताओं एवं इंडस्ट्री दोनों का ही फायदा होगा।

आईआईए द्वारा इंडस्ट्री – एकेडेमिया कनेक्ट का नया प्रयास किया गया, जिसको ‘शार्क टैंक’ सेशन से शुरू किया गया। इस प्रथम प्रयास में ही IIT रुड़की, IIT कानपुर, INVERTISE यूनिवर्सिटी एवं फ्यूचर यूनिवर्सिटी- बरेली से 8 स्टार्टअप का प्रस्तुतीकरण आईआईए की 311 वीं सेंट्रल एग्जीक्यूटिव कमेटी में लगभग 150 इंडस्ट्रीज के प्रतिनिधियों के बीच किया गया। आगे भी इस शार्क टैंक की पहल को प्राथमिकता पर बढ़ाया जायेगा। शार्क टैंक में ज्यूरी के रूप में डॉ. अमित सिन्हा, राज कुमार अग्रवाल (चैप्टर चेयरमैन एवं प्रतिष्ठित उद्योगपति, कानपुर) एवं राकेश शुक्ला (जीएम पंजाब नेशनल बैंक) ने स्टार्टअप की समीक्षा कर IIA की पहल को सराहा।

प्रेसिडेंट दिनेश गोयल ने भावुक होते हुए आईआईए के 40 वर्ष पूरे होने पर स्तम्भों के र्रोप में जुड़े सभी भूतपूर्व सदस्यों का आभार व्यक्त किया एवं सदा मार्गदर्शन देते रहने के लिए भी निवेदन किया। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री का IIA के प्रति अपनी विशेष रूचि एवं आवश्यक सहयोग के लिए तत्परता एवं प्राथमिकता पर समाधान देने हेतु सरकार तक लिखने के लिए विशेष आभार व्यक्त किया।

अध्यक्ष ने अनुप्रिया पटेल को अवगत कराया कि यहाँ बड़ी मात्र में मेडिकल उपकरण एवं चिकित्सा क्षेत्र से सम्बंधित अन्य उत्पाद आयत किये जाते हैं। ये उत्तर प्रदेश के MSME सेक्टर के लिए वरदान साबित हो सकता है। हम सरकार की मदद से प्रधानमंत्री के “वोकल फॉर लोकल” के विज़न को साकार कर सकते हैं। ऐसे आयात के मज़बूत विकल्प के रूप में उत्तर प्रदेश के MSME सेक्टर में ही “दाम कम दम ज्यादा” के संकल्प के साथ इस प्रकार के स्वदेशी प्रोडक्शन का क्लस्टर स्थापित कर सकते हैं और MSME सेक्टर को एक नयी दिशा दे सकते हैं।

केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने कहा कि किसी संगठन को बनाना आसान है, परन्तु लगातार इतने लम्बे समय तक अपने उद्देश्य की प्राप्ति के लिए निरंतर प्रयासरत रहना और सफल बने रहना प्रशंसनीय है। MSMEs के अधिकारों के लिए संघर्ष में निरंतरता आवश्यक है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत बड़े सपने देखता भी है और तेज़ गति से कदम भी आगे बढ़ता है।

उन्होंने कहा कि सरकार साहसिक कदम लेने में आगे है और देश कि अर्थव्यवस्था में MSMEs के आवश्यक योगदान के लिए भरोसेमंद भी है। हर प्रकार से MSMEs को सशक्त बनाना है, विकसित भारत बनाना है l US  टैरिफ जैसी चुनौतियाँ आएँगी लेकिन ये नया भारत है, प्रतिबध्धता और औद्योगिक विकास की नीतियों में हर संभव समाधान के साथ आईआईए के साथ है।

उन्होंने कहा कि उद्योग और सरकार एक-दूसरे के पूरक हैं। IIA जैसे अनुशासित एवं व्यवस्थित संगठन देश के औद्योगिक विकास में सेतु का कार्य करते हैं। आने वाले समय में हमें साथ मिलकर न केवल भारत को एक मज़बूत औद्योगिक शक्ति बनाना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि हमारे श्रमिक स्वस्थ, सुरक्षित और आत्मनिर्भर हों, समृद्धशाली हों। हमें जन आन्दोलन कि तरह MSMEs को इम्पोर्ट के विकल्प के रूप में भी देखना है, आत्मनिर्भर भारत बनाना है, राष्ट्रीय हितों के साथ साथ हमें आर्थिक हितों की रक्षा भी करनी है। 

राष्ट्रीय अध्यक्ष दिनेश गोयल के निवेदन पर IIA के भूतपूर्व अध्यक्षों का उनके महत्वपूर्ण सहयोग एवं सेवा के लिए मुख्य अतिथि द्वारा सम्मान किया गया l समारोह का समापन मुख्य अतिथि द्वारा IIA के 40 वें स्थापना दिवस के उत्सव का केक काट कर किया गया। धन्यवाद प्रस्ताव राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अवधेश अग्रवाल द्वारा ज्ञापित किया गया।