Wednesday , September 10 2025

अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने यूपी की स्पेस टेक्नोलॉजी नीति को दिया मार्गदर्शन

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। इसरो और नासा समर्थित अंतरिक्ष मिशन पूर्ण करने वाले लखनऊ निवासी ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला मंगलवार को इन्वेस्ट यूपी कार्यालय पहुँचे। वहां उन्होंने उत्तर प्रदेश में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी (स्पेस टेक्नोलॉजी) संबंधी निवेश और उद्योग के नए पारिस्थितिकी तंत्र के विकास की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया।

इस बैठक की अध्यक्षता विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख सचिव पंधारी यादव ने की। इसमें इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विजय किरण आनंद, अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी शशांक चौधरी और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। चर्चा का मुख्य बिंदु उत्तर प्रदेश की समर्पित स्पेस टेक्नोलॉजी नीति का मसौदा तैयार करना रहा, जिससे अनुसंधान, नवाचार, औद्योगिक सहयोग और निवेश को बढ़ावा मिल सके।

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने उत्तर प्रदेश की सामर्थ्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य डिफेन्स इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का लाभ उठाकर स्पेस टेक्नोलॉजी से जुड़ी कंपनियों और रक्षा निर्माण इकाइयों को आकर्षित कर सकता है। उन्होंने राज्य सरकार की सक्रिय पहल की सराहना करते हुए प्रस्तावित नीति को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने पर जोर दिया, ताकि स्टार्टअप्स, शोध संस्थान और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियाँ इसमें सम्मिलित हो सकें।

बैठक के दौरान विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने लखनऊ में प्रस्तावित आकाश भवन – स्पेस एंड एस्ट्रोनॉमी पार्क की भी प्रस्तुति दी। यह केंद्र छात्रों, शोधकर्ताओं और विज्ञान प्रेमियों के लिए एक प्रेरणादायी स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। ग्रुप कैप्टन ने सुझाव दिया कि इस परियोजना को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप विकसित किया जाए, ताकि यह उत्तर प्रदेश का अनूठा पहचान-चिह्न बन सके। यह स्पेस एंड एस्ट्रोनॉमी पार्क न केवल देश बल्कि विदेशों में भी अपनी तरह का अनोखा पार्क, जो की छात्रो के साथ वैज्ञानिकों के लिए भी प्रेरणा का केंद्र बने।

इन्वेस्ट यूपी ने इस क्षेत्र के समग्र विकास हेतु श्री शुक्ला का मार्गदर्शन प्राप्त किया है। राज्य सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता के साथ, उत्तर प्रदेश भारत की उभरती स्पेस इकोनॉमी में आत्मविश्वासपूर्वक प्रवेश करने की दिशा में अग्रसर है। यह पहल न केवल अनुसंधान, नवाचार एवं अत्याधुनिक तकनीक को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि राज्य में रोजगार सृजन, उद्यमिता संवर्द्धन एवं राजस्व वृद्धि के व्यापक अवसर भी उपलब्ध कराएगी।