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Science City : विश्व पर्यावरण दिवस पर हुई प्रतियोगिताएं, दिया ये संदेश

लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। हमारी धरती मां इस समय गंभीर संकट में है और हमें अपने ग्रह को बचाने के लिए सकारात्मक पर्यावरणीय कार्रवाई की अत्यंत आवश्यकता है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण निदेशालय, उ.प्र. के सहयोग से आंचलिक विज्ञान नगरी द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विविध कार्यक्रमों के माध्यम से जनमानस को पर्यावरण संरक्षण हेतु जागरूक किया गया।

इस विशेष अवसर पर पर्यावरण से संबंधित शैक्षिक गतिविधियों की एक श्रृंखला आयोजित की गई। जिसमें ‘जलवायु परिवर्तन’ पर फिल्म शो, ‘प्लास्टिक प्रदूषण की समाप्ति’ विषय पर प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, वृक्ष पहचान प्रतियोगिता तथा पोस्टर निर्माण प्रतियोगिता शामिल थीं।कार्यक्रम के आरंभ में प्रो. अमिता कनौजिया (जंतु विज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय) द्वारा “मिशन लाइफ: लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट” विषय पर एक लोकप्रिय विज्ञान व्याख्यान प्रस्तुत किया गया।

उन्होंने अपने व्याख्यान में बताया कि भारत सरकार द्वारा “एक पेड़ माँ के नाम” जैसे सराहनीय अभियान की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ मातृत्व के प्रति सम्मान प्रकट करना है। उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से इस अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेने की अपील की। साथ ही, उन्होंने प्लास्टिक के अत्यधिक उपयोग से होने वाले दुष्परिणामों पर प्रकाश डालते हुए इसके उपयोग में कटौती करने की आवश्यकता पर बल दिया। उनका व्याख्यान न केवल जानकारीपूर्ण था, बल्कि सभी श्रोताओं को पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने हेतु प्रेरित भी करता रहा।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रो. राणा प्रताप सिंह (पूर्व निदेशक, सतत कृषि एवं पर्यावरण केंद्र, बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, लखनऊ) ने विद्यार्थियों एवं अध्यापकों को संबोधित करते हुए पर्यावरण संरक्षण में युवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला और उन्हें प्रेरित किया कि वे अपने दैनिक जीवन में पर्यावरण अनुकूल आदतें अपनाएं।

विशिष्ट अतिथि सुब्रन कुमार (सहायक निदेशक, पर्यावरण निदेशालय, उत्तर प्रदेश, लखनऊ) ने अपने वक्तव्य में पर्यावरण की व्यापक परिभाषा देते हुए बताया कि यह हमारे चारों ओर की हवा, पानी, मिट्टी, पेड़-पौधे और जीव-जंतुओं का समूह है, जो हमारे जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि यदि हम पर्यावरण की रक्षा नहीं करेंगे तो पृथ्वी पर जीवन संकट में पड़ सकता है, अतः हमें इसे संरक्षित और स्वच्छ बनाए रखना चाहिए।

कार्यक्रम के समापन अवसर पर स्वरूप मंडल (परियोजना समन्वयक, आंचलिक विज्ञान नगरी, लखनऊ) ने बताया कि विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत वर्ष 1973 से हर वर्ष 5 जून को की गई थी। इसका उद्देश्य लोगों में पर्यावरणीय चेतना उत्पन्न करना और यह संदेश देना है कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार या किसी संगठन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि प्रत्येक नागरिक की सामूहिक जिम्मेदारी है।

कार्यक्रम के अंत में विजयी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं आकर्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर लगभग 1400 विद्यार्थियों, अध्यापकों एवं आम नागरिकों ने उत्साहपूर्वक सहभागिता की और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में जागरूकता का परिचय दिया।