लखनऊ (टेलीस्कोप टुडे संवाददाता)। दशकों बाद लखनऊ की परिधि में गोमती नदी में मछली मारने के लिए नीलामी होने जा रही है। इसकी सूचना से आक्रोशित मछुआरों ने उत्तरी सीट से विधायक डा. नीरज बोरा से मुलाकात कर अपनी पीड़ा बयान की और नीलामी रोके जाने की गुहार लगाई। विधायक ने मौके पर मत्स्य विभाग के प्रमुख सचिव अमित घोष व जिलाधिकारी विशाख जी. से बात की और नीलामी रोकने के निर्देश दिये।
मछुआरों के प्रतिनिधि मनोहर व मन्ना ने बताया कि लखनऊ के भीतर गोमती नदी में मछली मारने के लिए नीलामी नहीं होती थी। ऐसा निर्णय तीन-चार दशक पहले पूर्व विधायक स्व. डी.पी.बोरा के नेतृत्व में हुए मछुआरा आन्दोलन की वजह से प्रशासन ने ही लिया था। वर्तमान में मत्स्य विभाग द्वारा गोमती नदी में खदरा पक्के पुल से आईआईएम पुल, रैथा से सरौरा और जमखनवा से सुलतानपुर तक अगले एक वर्ष के लिए मत्स्य आखेट हेतु नीलामी की तिथि नियत कर निविदा प्रकाशित की है। ऐसे में मछुआरों के सामने बड़ा संकट उत्पन्न हो जायेगा और उसका असर उनके जीवन यापन पर पड़ेगा।

विधायक डा. नीरज बोरा ने कहा कि “मैंने सम्बंधित अधिकारियों को नीलामी रोके जाने के निर्देश दिये हैं। पत्र भी लिखा है। पिछले कई दशक से शासन द्वारा लखनऊ की सीमा में मत्स्य आखेट की नीलामी नहीं कराई जाती थी। अब निविदा प्रकाशन की सूचना से मैं भी हतप्रभ हूँ। सरकार मछुआरों के हितों के लिए प्रतिबद्ध है और उनके हितों का संरक्षण जरुर करेगी।”
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